मालदा बना 2000 के नकली नोटों का हब,17 में से 10 सिक्योरिटी फीचर हूबहू

  
Last Updated:  March 3, 2017 " 07:28 am"

कोलकाता।जाली नोटों पर सर्जिकल स्ट्राइक के उद्देश्य की गई नोटबंदी के 100 दिनों के भीतर ही पश्चिम बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों का केंद्र बनकर उभरा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में छप रहे 2000 के नकली नोट भारत में मालदा के रास्ते पहुंच रहे है। यहां से देश के विभिन्न हिस्सों में नकली नोटों को भेजने का धंधा चल रहा है। खास बात यह है कि आम लोग 2000 के नकली नोट को आसानी से पहचान भी नहीं पाएंगे क्योंकि असली 2000 के नोट के 17 में से 10 सिक्योरिटी फीचर हूबहू हैं।

18 दिनों में 4 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट जब्त

आपको बता दें कि 8 फरवरी को मुर्शिदाबाद जिले से पुलिस ने अजीजुर रहमान (40) नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से 2000 रुपये के 40 नकली नोट मिले थे। इसके बाद बीएसएफ और एनआईए को पहली कामबायी 15 फरवरी को मिली। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से दो लाख मूल्य के 2000 रुपये के नकली नोट जब्त किए। बीएसएफ अधिकारियों को नकली नोटों के तस्कर उमर फारूक से जानकारी मिली थी कि सीमा पर बांग्लादेश की तरफ से नकली नोट लाए जा रहे हैं। उमर को मालदा जिले से एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद 19 फरवरी को मालदा के वैष्णवनगर क्षेत्र के निकट नेशनल हाईवे-34 से 2,000 रुपये की 48 नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) जब्त किया है। दो दिनों पहले ही पश्चिम बंगाल में फरक्का के नजदीक दो व्यक्तियों के पास से 2000 रुपये के चार नकली नोट जब्त किए गए। नकली नोटों के साथ पुलिस अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

17 में से 10 सिक्योरिटी फीचर हूबहू

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, जब्त किए गए नकली नोटों की जांच कराने पर पता चला कि असली 2000 के नोट के 17 में से करीब 10 सिक्योरिटी फीचर नकल किए गए हैं। आगे की तरफ ट्रांसपेरेंट एरिया, वाटरमार्क, अशोक स्तंभ, बाईं तरफ लिखा शब्द Rs 2000, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ लिखा वचन और देवनागरी में लिखी नोट की कीमत दी गई है। वहीं पीछे की तरफ चंद्रयान, स्वच्छ भारत लोगो और नोट को प्रिंट करने का साल दिया गया है। हालांकि बरामद किए गए नोटों की पेपर और प्रिंट की गुणवता उतनी अच्छी नहीं थी।

मालदा ही क्यों

नोटबंदी से पहले मालदा उन मुख्य जगहों में से एक था जहां से देश में बंग्लादेश के जरिये नकली नोटों की तस्करी की जाती थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में पहुंचने 80 फीसदी नकली नोट पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिले से आता है। और इन तीन जिलों में सबसे ज्यादा नकली नोट मालदा के रास्ते आते है।

मालदा एक ऐसी जगह से जहां से दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों के लिए रेल और सड़क रूट्स हैं। इसके अलावा मालदा में गंगा पार करके नकली नोटों के तस्कर आसानी से झारखंड भी पहुंच जाते है।

1 लाख के नकली नोट के लिए करीब 70000 रुपये

नोटबंदी से पहले 1 लाख रुपये के नकली नोट के लिए तस्करों को 40 हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे। नोटबंदी के बाद उन्हें 60 से 70 हजार रुपये देने पड़ रहे है।

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