इंदौर से प्रारंभ हुआ ट्रेनों का संचालन, 240 यात्रियों के साथ जबलपुर के लिए रवाना हुई पहली ट्रेन

  
Last Updated:  September 6, 2020 " 04:02 pm"

इंदौर : लॉकडाउन के बाद अनलॉक होते देश, प्रदेश व शहर में जनजीवन फिर सामान्य होने लगा है। हालांकि कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है। सामान्य होते हालात के बीच रेल मंत्रालय ट्रेनों का संचालन भी करीब 5 माह बाद चरणबद्ध ढंग से प्रारम्भ कर रहा है। इसी कड़ी में रविवार 6 सितंबर को इंदौर से पहली ट्रेन जबलपुर के लिए रवाना हुई। यात्रियों की संख्या ट्रेन की क्षमता के 12-13 फीसदी ही थी पर लंबे समय बाद ट्रेन में सफर करने की खुशी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी। रेलवे ने भी कोरोना से बचाव और यात्रियों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे।

24 कोच की ट्रेन में 240 यात्रियों ने किया सफर।

रविवार की शाम ठीक साढ़े सात बजे ओवरनाइट एक्सप्रेस जबलपुर के लिए रवाना हुई। पश्चिम रेलवे के रतलाम मण्डल के जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि ट्रेन में 13 सेकंड एसी, 34 3 rd एसी, 152 स्लीपर क्लास और 41 यात्री जनरल कोच में सफर कर रहे थे। कुल 240 यात्री इस पहली ट्रेन से जबलपुर रवाना हुए।

यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई।

ट्रेनों के पांच माह बाद पुनः संचालन और पहली ट्रेन के जबलपुर रवाना होने के मौके पर रेलवे प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्रियों को दो घंटे पहले स्टेशन पहुंचने को कहा गया था। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ यात्रियों को कतार में खड़ा करने के बाद हर यात्री का तापमान चेक किया गया। उनके टिकट स्कैन किए गए और नाम- पते भी नोट किए गए। यात्रियों के पहचान पत्र भी चेक किये गए। प्लेटफार्म क्रमांक एक पर ये सारे इंतजाम किए गए थे। ट्रेन प्लेटफार्म नम्बर चार से जाने वाली थी इसके चलते यात्रियों को लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी। रेलवे स्टॉफ के साथ जीआरपी और आरपीएफ के जवान भी सुरक्षा के लिहाज से मुस्तैद रहे।

एक यात्री का बढ़ा मिला तापमान।

यात्रियों की स्क्रीनिंग के दौरान एक महिला यात्री का तापमान सामान्य से ज्यादा पाया गया। इसपर उसे सफर करने से रोक दिया गया। पूछताछ में पता चला की महिला के पास कंफर्म टिकट नहीं था। वह सीधे ट्रेन पकड़ने आ गई थी। इसके अलावा कुछ यात्रियों के पास पहचान पत्र भी नहीं थे। उनके घर से पहचान पत्र की ई कॉपी बुलवाकर उन्हें यात्रा की अनुमति दी गई।

परिजनों को नही दिया गया प्रवेश।

यात्रियों को छोड़ने आए परिजनों को स्टेशन में प्रवेश नहीं दिया गया। उन्हें स्टेशन परिसर से ही लौटना पड़ा। प्लेटफार्म टिकट किसी को भी उपलब्ध नहीं कराए गए।

यात्रियों ने जताई खुशी।

ट्रेनों का संचालन पुनः प्रारम्भ होने पर यात्रियों ने खुशी जताई। उनका कहना था कि वे 6 माह से कहीं आ- जा नहीं पा रहे थे। अपनी छोटी बच्ची के साथ जबलपुर जा रही शालिनी शर्मा ने बताया कि जबलपुर में उनका घर है। बीते 6 माह से वो घर नहीं जा पाई थीं। ट्रेन के शुरू होने की खबर मिलते ही उन्होंने ऑनलाइन रिजर्वेशन करवा लिया था।
अपनी मम्मी और नानाजी के साथ गाडरवारा जा रही अनिशा का कहना था कि वह इंदौर अपने रिश्तेदार के यहां आई थी, अब घर जा रही है। नन्हे स्वर्णिम का कहना था कि वह अपने नानाजी के घर गाडरवारा जा रहा है। ट्रेन का सफर करने का मौका मिलने से तनीषा और स्वर्णिम बेहद खुश दिखाई दिए। पुलिस विभाग में कार्यरत पवन भी ट्रेन से जबलपुर के लिए रवाना हुए। पवन का कहना था कि जबलपुर में उनका घर है। छुट्टी लेकर वे घर जा रहे हैं। ट्रेन शुरू नहीं होती तो उन्हें बस से जाना पड़ता पर ट्रेन प्रारम्भ होने से उनके लिए आसानी हो गई।

रेलवे पीआरओ श्री जयंत ने बताया कि जबलपुर ओवरनाइट एक्सप्रेस अब नियमित रूप से चलेगी।

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