कृषि सुधार विधेयक किसानों के लिए हितकारी, कांग्रेस किसानों को कर रही गुमराह- बीजेपी

  
Last Updated:  September 25, 2020 " 01:02 am"

इंदौर : भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमनारायण पटेल और प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा एवं मीडिया प्रभारी देवकीनंदन तिवारी ने पार्टी कार्यालय पर आयोजित पत्रकार-वार्ता के जरिए संसद में पारित कृषि सुधार विधेयक को किसानों के लिए हितकारी और लाभदायक बताया है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर अनेक बंधनों से जकड़ रखने का कार्य किया। किसानों के हित में कभी कोई फैसला नहीं लिया। आज जब कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे है,तो वह किसानों को गुमराह कर रही है।

कांग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा थी कृषि सुधार की बात।

सोनकर और पटेल ने कहा कि 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने APMC को हटाने की बात की थी। घोषणा पत्र में कृषि पर किए गये कांग्रेस के वादे में 11वें पाईंट में स्पष्ट लिखा है कि “Congress Will repeal tha Agricultural Produce Market Committees Act and Make Trade in Agricultural Produce-Including Exports and Inter-State Trade-free All Restrictions”
अब जब मोदी सरकार किसानों को सशक्त करने के लिये कदम उठा रही है तो कांग्रेस किसानों को ही गुमराह करने की साजिश रच रही है।
कांग्रेस ने को APMC Act हटाने की बात की थी लेकिन इन विधेयकों के अनुसार APMC की व्यवस्था बनी रहेगी और उसी तरह काम करती रहेगी। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार की बात कही है लेकिन वर्तमान में वह कृषि सुधारकों का विरोध कर रही है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा..

सोनकर, पटेल और शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल देश के किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे है कि कृषि सुधार विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात MSP की व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कह चुके हैं कि देशभर में MSP की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कृषि मंत्री तोमर ने भी बार-बार यह बात स्पष्ट की है। इतना ही नहीं, कई फसलों की MSP तो और बढ़ा दी गई है। वास्तव में इन विधेयकों का एमएसपी और एनपीएमसी व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।

किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में डाले 92 हजार करोड़।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को सशक्त करने के लिये आज तक कुछ नहीं किया। 55 साल में एक बार कांग्रेस ने किसानों को कर्जा माफ किया, उसमें भी भारी घोटाला हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स बताती है किसानों को इनका लाभ तक नहीं पहुंचा जबकि मोदी सरकार में केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत ही अब तक किसानों को 92000 करोड़ रूपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिये कभी कोई रिफॉर्म्स नहीं किया। उसके पास न इसके लिये सोच थी, न ही इच्छाशक्ति। किसानों को गुमराह कर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है।

कृषि सुधार विधयेकों से बढ़ेगा अन्नदाता का मुनाफा।

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य(संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक(सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु(संशोधन) विधेयक के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिये नये-नये अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक किसानों को अपने फसल के भंडारण और ब्रिकी की आजादी देंगे और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्त करेंगे।

किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधयेक-2020

किसान कानूनी बंधनों से आजाद होगे, किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी।

अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है।

अब जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की ब्रिकी करें।

भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाए।

केन्द्र सरकार किसी भी केन्द्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिये मूल्य जानकारी और मंडी सूचना प्रणाली विकसित करेगी। कोई विवाद होने पर निपटाने के लिये बोर्ड गठित किया जाएगा, जो 30 दिनों के भीतर समाधान करेगा।

किसान अब बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे।

देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से होगा काम।

अंततः किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सकें।

कृषि (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक,2020

• रिसर्च एडं डेवलपमेंट(आर.एंड डी)समर्थन।

• उच्च और आधुनिक तकनीकी इनपुट, अन्य स्थानीय एजेंसियों के साथ साझेदारी में मदद।

• अनुबंधित किसानों को सभी प्रकार के कृषि उपकरणों की सुविधाजनक आपूर्ति।

• क्रेडिट या नकद पर समय से और गुणवत्ता वाले कृषि आदानों की आपूर्ति।

• शीघ्र वितरण, प्रत्येक व्यक्तिगत अनुबंधित किसान से परिपक्व उपज की खरीद।

• अनुबंधित किसानों को नियमित और समय का भुगतान।

• सही लॉजिस्टिक सिस्टम और वैश्विक विपणन मानकों का रखरखाव।

आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 :-

इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा। किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *