♦️ नरेंद्र भाले ♦️
इसे कहते हैं नहले पर दहला। बल्लेबाजी का अभूतपूर्व आतिशबाजी नजारा। आंखें दंग रह गई और मन रन सैलाब में डूब गया। एफर्टलेस मंजर। पंजाब के लिए निरंतरता का उत्कृष्ट नमूना केएल राहुल तथा मयंक अग्रवाल के माध्यम से देखने को मिला। मानो कुशल चितेरे क्रिकेट के कैनवास पर रनों के मनमोहक रंग भर रहे हो। जहां राहुल का आधा शतक 35 गेंदों में आया वही मयंक ने मात्र 26 गेंदों का इस्तेमाल किया। विशेष रुप से मयंक पूरे उफान पर थे। उन्होंने न केवल धमाकेदार शतक का सूजन किया बल्कि राहुल के साथ बगैर किसी नुकसान के 183 रन जोड़ लिए।
फाइनल टच निकोलस पूरन ने 3 छक्के उड़ा कर दिया। कुल 11छक्को के धमाकों से 223 रनों का महल खड़ा कर दिया।
राजस्थान के बटलर तो लजीज दावत परोसने में नाकाम रहे जबकि उद्घाटक बल्लेबाज के रूप में मात्र 19 गेंदों में स्कोरबोर्ड को अर्धशतक से रफ्तार दे गए कप्तान स्मिथ। बेहद उम्दा फैसला था यहां। एक छोर पर निरंतर सैमसन अपने ही अंदाज में जमे रहे जबकि दूसरे छोर पर तेवतिया संपट भूल गए और कार्बोरेटर में फंसे कचरे के मानिद स्कोरबोर्ड को झटके देते रहे। कमेंटेटर से लेकर अधिकांश दर्शक तेवतिया का शाब्दिक मांजा सूतते रहे। इस वजह से लय में खेल रहे सैमसन भी परेशान होते रहे। अचानक ही मंदडिया तेवतिया के बल्ले से छक्का उड़ा जो आने वाले तूफान के संकेत थे। सेल्यूट मास्टर कॉटरेल के अगले ही ओवर में मानो सिर पर सवार भेरु तेवतिया ने पांच छक्के उड़ा कर स्कोर बोर्ड में भूचाल ला दिया। शमी ने जमे हुए सैमसन तथा नवजात उथप्पा को चलता कर सस्पेंस पैदा कर दिया। हिंडोला महल की तरह झूलते मैच में जोफ्रा आर्चर ने दो छक्के उड़ा कर फिर से मैच का बैलेंस राजस्थान की तरफ झुका दिया। भगवान जाने आर्चर को कौन सा वरदान प्राप्त है, विकेट पर आते ही पहली गेंद पर छक्का उड़ाने की महारत बंदे को हासिल है। आपको याद होगा चेन्नई के खिलाफ निगडी को 4 छक्के उड़ा कर उनका ऐसा ही हश्र किया था। इस हरकत से लक्ष्य इतना आसान हो गया कि जीत के लिए राजस्थान को अंतिम छह गेंदों में मात्र 2 रनों की दरकार थी। तौबा तौबा 223 रन बनाकर किंग हारे नहीं बल्कि राजस्थान ने उन्हें शाही अंदाज में शिकस्त
दी। बरबस यहां राजस्थान का लोकगीत याद आता है आयो रे आयो रे आयो रे मारो ढोलना। सैमसंग तथा तेवतिया ने पंजाब की गेंदबाजी को ना केवल रगड दिया बल्कि एक रईस के तेवर मे उसे ढोल दिया। कुल मिलाकर किंग्स के 11 छक्कों पर राजस्थान के रंगीलो ने 18 उड़ा कर किंग्स का तख्ता पलट दिया। भले ही शारजाह का मैदान छोटा है लेकिन 80 से लेकर 95 मीटर के लंबे छक्के उनके तलवार की धार को दर्शाने में पर्याप्त रहे।