♦️ नरेंद्र भाले ♦️
अनुभव भी कोई चीज होती है। इसके दर्शन चेन्नई ने किंग्स इलेवन को अलमस्ती में करवा कर दर्शा दिया कि आप किंग्स नहीं बल्कि प्रिंस इलेवन हैं। इसके पूर्व खेले गए मैचों में कमजोर प्रदर्शन के आधार पर आलोचनाओं का शिकार होने वाले धोनी निश्चित ही कमर कस कर मैदान में उतरे थे। मैदान बड़ा था और बाद में बल्लेबाजी के लिए आसान भी। लक्ष छोटा होने के बावजूद वाटसन तथा डू प्लेसिस ने युवाओं को बता दिया की अनुभव तथा संयम किस चिड़िया का नाम है। दोनों ने मामला भिगोया, धोया और हो गया की तर्ज पर निपटा दिया।
मैदान के चारों तरफ आकर्षक प्रहार , विकेट के बीच की दौड़ तथा स्ट्राइक रोटेट करने के कारण दोनों के बीच हुई जुगलबंदी ने आनंद ला दिया । जहां वाटसन के 50 (31) गेंदों में आए वही डुप्लेसिस ने 33 गेंदों में इसे अंजाम दिया। वाटसन की समय साधना इतनी अचूक थी कि उन्होंने बिश्नोई को 101 मीटर लंबा छक्का उड़ा दिया। देखते ही देखते 179 रनों का लक्ष्य इन दोनों ने 17.4 ओवर में हासिल कर गेंदबाजों को कहीं का नहीं छोड़ा। वाटसन ने 53 गेंदों में (3 छक्के , 11 चौके ) 83 तथा डुप्लेसिस ने भी 53 गेंदों में (1 छक्का, 11 चौके) 86 रनों की नाबाद पारी खेलकर 10 विकेट की अफलातून जीत दर्ज की।
बगैर कोई विकेट खोए आईपीएल की यह सबसे बड़ी जीत है। दोनों विशेष रुप से कॉट्रेल तथा जॉर्डन पर मेहरबान रहे। इन दोनों ने मिलकर इन दोनों के मात्र 6 ओवर में 72 रन ठोककर मैच को एकतरफा बना दिया। डुप्लेसिस ने भी राहुल तथा मयंक के बीच चल रही नारंगी टोपी की जग के बीच अपने आजाग का बिगुल बजा दिया । उन्होंने साफ कर दिया की दोनों मुगालते में नहीं रहे , परिपक्वता आपके पीछे तेजी से आ रही है और इस दौड़ में हम भी हैं । किंग्स की बात करें तो उन्हें लक्ष्य देना था। इसलिए उनके 100 रन 12 ओवर में आए। ऑरेंज कैप की दौड़ में शामिल मयंक अग्रवाल 26 तथा केएल राहुल 63 के अलावा किसी ने प्रभावित किया तो वह थे निकोलस पूरन। इस वामहस्त विकेटकीपर बल्लेबाज ने दो छक्कों की मदद से मात्र 17 गेंदों में 33 रनों की उम्दा पारी खेलकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे दिया। उनके द्वारा जमाया गया 93 मीटर का छक्का रोमांचित कर गया। बाद में सरफराज तथा मैक्सवेल ने आंशिक योगदान से स्कोर 178 तक पहुंचा दिया। धोनी ने राहुल के रूप में आईपीएल में विकेट के पीछे अपना 100 वा शिकार किया। राहुल भले ही टोटल से खुश नहीं थे लेकिन उन्हें निश्चित ही अंदाज नहीं था की यह डोकरे आगे चलकर इनका क्या हाल करने वाले हैं। निश्चित आप कह सकते हैं की पुराने अचार का लजीज स्वाद किंग्स इलेवन पंजाब को लंबे समय तक याद रहेगा।