बेसहारा, असहाय लोगों के लिए फरिश्ते थे अमरजीत सिंह सूदन

  
Last Updated:  October 7, 2020 " 07:37 pm"

♦️ कीर्ति राणा ♦️

इंदौर : शहर के अनेक बीमार-बेसहारा लोगों का सहारा, फुटपाथ सहित अंधेरे कोने में दम तोड़ते कृशकाय लोगों में जीने का जुनून पैदा करने वाले सरदार अमरजीत सिंह सूदन का 65 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।शहर के किसी भी कोने से सूदन को फोन पर या अन्य किसी माध्यम से किसी असहाय बीमार की सूचना मिलती वे बिना देरी किए मदद के लिए दौड़ पड़ते थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है।
भंवरकुआं थाना की नगर सुरक्षा समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने पहले थाना क्षेत्र में यातायात सुधार में सहयोग किया।करीब तीन दशक से तो उन्होंने अपना जीवन बीमार-बेसहारा-असहाय वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया था। हालत यह हो गई थी कि ऐसे किसी मरीज की मदद के लिए जब पुलिस के पास फोन जाते तो थाने वाले भी सूदन का नाम-नंबर दे देते थे।यही कारण रहा कि सूदन की सेवा का दायरा भंवरकुआं थाना क्षेत्र से बढ़ कर पूरा शहर हो गया था।
कोरोना संक्रमित होने के बाद उपचार के लिए सूदन अरबिंदो अस्पताल में भर्ती हुए थे, ठीक होकर घर लौट आए थे।कुछ दिनों बाद फिर तबीयत बिगड़ी तो गुर्जर अस्पताल में दाखिल किया गया। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद वे पूर्णत: स्वस्थ हो गए थे कि बुधवार की सुबह हृदयाघात उनके निधन का कारण बन गया।सूदन के एक भाई हरजीत सिंह सूदन इंदौर में विभिन्न थानों में टीआई पदस्थ रहे हैं। बुरहानपुर में दंगों के दौरान ड्यूटी करते हुए आए हार्टअटैक के कारण उनकी भी मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर अमरजीत सिंह सूदन के निधन की खबर फैलते ही विभिन्न संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भंवरकुआ क्षेत्र स्थित संगीता अपार्टमेंट से उनकी शवयात्रा निकली और अंतिम संस्कार रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम पर किया गया।पत्नी, दो बेटी, एक बेटे सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए सूदन के भाई-भाजपा नेता हरप्रीत बक्षी ने बताया उनकी अंतिम अरदास 11 अक्टूबर रविवार को दोपहर 2 से 3 बजे तक गुरुद्वारा इमली साहब यशवंत रोड पर होगी।

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