🔹 नरेंद्र भाले 🔹
मशहूर फोक गीत है राजस्थान का ‘रंगीलो मारो ढोलणा’ रे …..आयो रे …आयो रे …….लेकिन रॉयल ने वाकई रायता ढोलकर इसे रंगहीन बना दिया।
जैसा कि अनुमान था पहली बार उद्घाटक बल्लेबाज के रूप में रॉबिन उथप्पा मैदान में उतरे और 7 चौके एवं 1 छक्के की मदद से 41 रन बना गए लेकिन दूसरे छोर पर जीरो बटे सन्नाटा रहा। फिंच (15) तथा संजू (9 ) सैमसन नहीं बन पाए।बंदा लगातार फेल होने का इमानदारी से अभ्यास कर रहा है।
बटलर (24) तथा कप्तान स्मिथ ने मोर्चा संभाला। बटलर की संक्षिप्त पारी के पश्चात कप्तान की यादगार पारी के अलावा कुछ भी रंगीन नजर नहीं आया। छक्का मास्टर तेवतिया भी गेंदबाजी का तिया पांचा नहीं कर पाए।
आखिर निराश कप्तान (57) 5 चौके, 1 छक्का, मॉरिस का शिकार बन गए। लग रहा था राजस्थान 200 के आस पास पहुंच जाएगा लेकिन लगने में और पहुंचने में शायद यही फर्क है। चहल ने लगातार दो गेंदों में उथप्पा और सैमसन के विकेट अवश्य लिए लेकिन बाद में उनकी अच्छी पिटाई हो गई। प्रभावित किया मॉरिस ने चार महत्वपूर्ण विकेट लेकर और राजस्थान की नाक में दम कर दिया। फिंच(14) के जाने के पश्चात युवा देवदत्त ने निरंतरता दिखाते हुए 35 रन बनाए।
दूसरी तरफ कोहली (43)का शॉट तेवतिया ने सीमा रेखा के बाहर से अंदर फेंककर उनका कैच लपका। लग रहा था कि रॉयल्स के हाथों से मैच निकल सकता है लेकिन राजस्थान के लिए एबी डीविलियर्स शो प्रारंभ हो गया। 250 के स्ट्राइक रेट से एबी ने गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए और उनके 6 आसमानी प्रहारों के सामने गेंदबाज़ पनाह भी नहीं मांग पाए। नाबाद 55 रन 22 गेंदे , dream11 में चौथा अर्धशतक , मैच फिनिशर , इससे ज्यादा की उम्मीद किसी से की भी नहीं जा सकती। गुरकीरत (19) ने अच्छा साथ देते हुए एबी के तूफान को अंजाम तक पहुंचाने में कामयाब टेका लगाया। अनुभव और परिपक्वता, कोई भी युवा एबी से सीख सकता है। यहां तो कहा ही जा सकता है कि इस आईपीएल में कोहली को विराट बनाने में एबी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। साथ ही इसमें संदेह नहीं है कि मॉरिस ,चहल ,देवदत्त भी इसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।