♦️ नरेंद्र भाले ♦️
जब हमें फिल्मों की समझ आई तो एक ही नाम हथोड़े के मानिंद जेहन पर दस्तक दे रहा था माय नेम इज बॉन्ड ….जेम्स बॉन्ड……. ‘लाइसेंस टू लव एंड लाइसेंस टू किल।’ एक तो फिल्म ऊपर से अंग्रेजी, उस जमाने में लगभग नामुमकिन। इंदौर में एक ही सिनेमाघर था स्टारलिट् जिसमें लगने वाली अंग्रेजी फिल्में बरबस आकर्षित करती थी। मूंगफली के उस दौर में टिकट बेहद महंगा था। लेकिन उस दौर में उस थिएटर में फिल्म लगती थी और बच्चे ,जवान ,बूढ़े लपक पडते थे यशवंत निवास रोड पर।
उस मुफलिसी में हमारे जीवन में उदय हुआ जेम्स बॉन्ड का, फटेहाल जिंदगी में लुभावना व्यक्तित्व, मादक सुंदरिया, चलती गोलियों के बीच एक ऐसा महामानव जो तमाम दुश्वारियों के बावजूद हैरतअंगेज मुश्किलों का अलमस्ती में मुस्कुराते हुए अकेला ही सामना करता था। देखते ही देखते वह तमाम दिलों की धड़कन बन गया। उस दौर में एक रूपया साठ पैसे जुटाने का मतलब था पत्थर से तेल निकालना लेकिन उसके लुभावने चुंबकीय आकर्षण के सामने कैसे भी करके दुर्लभ कार्य करते हुए सभी टिकट के लिए दौड़ पड़ते थे।
मूंगफली चबाते हुए शाॅन को देखना एक दुर्लभ संयोग था जिसे आज की पीढ़ी चाह कर भी एंजॉय नहीं कर सकती। 1962 में डॉक्टर No के पश्चात फ्रॉम रशिया विद लव (1963) गोल्डफिंगर (1964) थंडरबॉल (1965) यू ओनली लीव ट्वाइस (1967) डायमंड्स फॉर एवर (1971) नेवर से नेवर अगेन (1983) ने तमाम दर्शकों के दिल पर एक छत्र राज किया। फटेहाल जिंदगी के टाट में मखमल का अभूतपूर्व पैबंद शॉन कॉनरी थे, जिसने अपने ही अंदाज में एक काल्पनिक दुनिया जो वास्तविक लगती थी की सैर करवाई दर्शकों को। उनके बाद डेविड निवोन ,जॉर्ज लेजेनवे, रोजर मूर ,टिमोथी डाल्टन ,पियर्स ब्राउन्सन, डैनियल क्रेग ने मिलकर 27 फिल्मों में काम किया लेकिन शाॅन का आलम किसी और में नहीं था। तकनीक बदल गई ,बाॅन्ड का चरित्र अत्याधुनिक हो गया इसके बावजूद आज भी काॅनेरी का किरदार ऐसे याद आता है जैसे कल की बात है।
एक रफटफ रंगीला चरित्र जिसे करोड़ों लोगों ने उसके चुंबकीय आकर्षण में भरपल्ले भोगा। रोजर मूर, पियर्स ब्राउनसन को हमने चॉकलेटी जेम्स बांड के रूप में निहारा लेकिन सर थॉमस शाॅन कॉनरी सबसे ऊपर रहे। अजब संयोग भी देखें बंदा कल इस फानी दुनिया को 90 वर्ष की उम्र में अलविदा कह गया, तारीख देखें 31/10 /2020। यदि इसका विच्छेद करें तो 3 +1 +1 +0 +2 + 0 = 007। जब तक हम इस दुनिया में है सर शाॅन आप हमारी जवानी से लेकर आज तक के हीरो ही रहेंगे।जेम्स बाॅन्ड …..007 लाइसेंस टू लव….. रेस्ट इन पीस।