इंदौर : नेताजी सुभाष मंच ने शनिवार को स्वाधीनता संग्राम के अमर योद्धा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125 वी जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई। इस अवसर पर नेताजी सुभाष अलंकरण से पांच विभूतियों को अलंकृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी थे। अध्यक्षता पूर्व महाधिवक्ता आनंदमोहन माथुर ने की। विशेष अतिथि शहर काजी डॉ. इशरत अली, कांग्रेस नेत्री अर्चना जायसवाल थीं।
श्री लालवानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत के इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम अमर है। मातृभूमि की आजादी के लिए उन्होंने अपना घर और आराम को छोड़ा और आजाद हिंद फौज का गठन किया। नेताजी ने एक बड़े भारतीय समुदाय को स्वाधीनता संग्राम के लिए तैयार किया। आपके पराक्रम से स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा मिली। देश के युवाओं को नेताजी के जज़्बे से सीख लेनी चाहिए और देश के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। आपने भारत सरकार के इस निर्णय की सराहना की कि हर साल ये दिवस पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
महाधिवक्ता आनंदमोहन माथुर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले ऐसे महापुरुष सदियों में जन्म लेते हैं। हमें अपनी वर्तमान पीढ़ी को देशभक्तों के योगदान से अवगत कराने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अभी भी एक जीवंत प्रेरणा के रूप में भारतीयों के दिल में जीवंत राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में जीवित हैं और सदा अमर रहेंगे। साथ ही उन्होंने सांसद से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि आज का दिन पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है इसे शासकीय अवकाश घोषित किया जाए।
इस दौरान अतिथियों ने पांच विभूतियों को नेताजी सुभाष अलंकरण से विभूषित किया जिनमें सर्वश्री डॉ. राजिंदर सिंह मखानी, ईश्वर झामनानी, रमेशचन्द्र कैथवास, रमेशचन्द्र दरगय्या, आनन्द यादव को विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए शाल, श्रीफल, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अलंकृत विभूतियों को साफा पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय देशभक्ति गीत गायक जनाब आफताब आलम कुरैशी ने देशभक्ति गीतों से समाबांधा।
अतिथि स्वागत त्रिलोकसिंह सोलंकी, मोनिक मालवीय, अनिल आजाद, जगमोहन वर्मा, देवीलाल गुर्जर, पवन राठी, संजय जयंत, सुभाष यादव, अशोक वर्मा, हुकम यादव, अजीत जैन, संगीता वाधवानी आदि ने किया।
संचालन आयोजक और मंच अध्यक्ष मदन परमालिया ने किया। आभार विशाल आमनापुरकर ने माना।
पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती, 5 विभूतियों का किया गया सम्मान।
Last Updated: January 24, 2021 " 03:42 am"
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