चुनाव लड़ने के अनिच्छुक हैं दिग्विजय सिंह, केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ा फैसला

  
Last Updated:  March 23, 2019 " 03:19 pm"

इंदौर: सीएम कमलनाथ भले ही दावा कर रहे हों कि उन्होंने दिग्विजयसिंह को भोपाल जैसी कठिन सीट से लड़ने के लिए मना लिया है लेकिन राजनीति के शातिर खिलाड़ी माने जाने वाले दिग्विजय सिंह इसके पीछे छुपे मन्तव्य को बखूबी समझ रहे हैं। शनिवार को इंदौर आए दिग्विजय सिंह से जब इस बारे में सवाल किया गया तो वे असहज नजर आए। उनके हावभाव से साफ नजर आ रहा था कि वे राजगढ़ के अलावा कहीं ओर से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। उन्हें कठिन सीट से लड़ने के नाम पर चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है। यही कारण है कि दिग्विजय सिंह ने 2020 तक अपने राज्यसभा सदस्य होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा तो वे चुनाव लड़ेंगे।
आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही मप्र की बीजेपी का गढ़ मानी जानेवाली इंदौर या भोपाल सीट से लड़ने का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था। खासकर सीएम कमलनाथ इस बात को लेकर आग्रही थे कि दिग्विजय सिंह को भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने बकायदा इस बात का ऐलान भी कर दिया था। दिग्विजय सिंह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें भोपाल से लड़ने के नाम पर अभिमन्यु बनाकर चक्रव्यूह भेदने के लिए कहा जा रहा है। बदकिस्मती से वे हार गए तो उनके राजनीतिक करियर पर विराम लग जाएगा। इसी के चलते उन्होंने सीएम कमलनाथ के नहले पर देहला जडते हुए गेंद राहुल गांधी के पाले में डाल दी। अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष कमलनाथ भारी पड़ते हैं या दिग्विजय सिंह ये देखना दिलचस्प होगा।

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