चौथे चरण में 64 फीसदी वोटिंग, कई दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में कैद

  
Last Updated:  April 30, 2019 " 12:32 pm"

भोपाल: लोकसभा चुनाव के लिए 9 राज्यों की 71 सीटों पर सोमवार को मतदान हुआ। हालांकि मप्र में ये पहले चरण का मतदान था जिसमें 6 सीटों पर वोट डाले गए। वोटिंग के लिहाज से देखा जाए तो चौथे चरण की 71 सीटों पर 64 फीसदी वोट पड़े। जबकि राज्यवार आकलन करें तो प. बंगाल में सबसे ज्यादा 76 फीसदी और जम्मू – कश्मीर की अनंतनाग सीट पर सबसे कम 10 फीसदी मतदान हुआ। इस सीट पर ये दूसरे चरण का मतदान था। प.बंगाल में चौथे चरण में 8 सीटों पर वोट डाले गए। इसके अलावा बिहार की पांच सीटों पर 58.92, महाराष्ट्र की 17 सीटों पर 55.85, ओडिशा की 6 सीटों पर 64.05, राजस्थान की 13 सीटों पर 67.42, उत्तरप्रदेश की 13 सीटों पर 57.29, झारखंड की 3 सीटों पर 63.77, फीसदी वोटिंग हुई।

2014 में 71 में से 56 सीटों पर जीता था एनडीए।

चौथे चरण में जिन 71 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए उनमें से 56 सीटें फिलहाल एनडीए के कब्जे में हैं जो 2014 में उसने जीती थी। टीएमसी और बीजेडी को 6- 6 व कांग्रेस को 2 सीटें मिली थी। इस लिहाज से एनडीए के लिए चौथे चरण का मतदान काफी अहम था।

कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद।

चौथे चरण के चुनाव में कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। इनमें डिम्पल यादव, पूनम महाजन, प्रिया दत्त, उर्मिला मारतोंडकर, गिरिराजसिंह, साक्षी महाराज, नकुल नाथ, बाबुल सुप्रियो, मूनमुन सेन और सलमान खुर्शीद प्रमुख हैं।

मप्र में बम्पर वोटिंग…!

मप्र के लिए ये पहले चरण का चुनाव था जिसमें 6 सीटों सीधी, शहडोल, बालाघाट, जबलपुर, मंडला और छिंदवाड़ा में वोट डाले गए। इन सीटों पर कुल 67 फीसदी मतदान हुआ। पिछले चुनाव के मुकाबले ये ज्यादा है।

बढ़े मतदान से राजनीतिक विश्लेषक हैरान।

मप्र में तेज गर्मी के बाद भी बढ़े मतदान के प्रतिशत ने राजनीतिक दलों के साथ सियासत के पंडितों को भी हैरान कर दिया है। वे अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि ये बम्पर वोटिंग किसके पक्ष में है। हालांकि बीजेपी इसे मोदी लहर का परिणाम बता रही है जो उसके पक्ष में है। उधर कांग्रेस का मानना है कि मतदान का बढ़ा प्रतिशत मोदी के खिलाफ और उसके फेवर में है।

बीजेपी की साख दांव पर।

मप्र की जिन 6 सीटों पर वोट डाले गए उनमें से छिंदवाड़ा को छोड़कर शेष 5 सीटें बीजेपी के पास हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है पर बीजेपी की साख जरूर दांव पर लगी है। एक भी सीट कम होना उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

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