मीडिया के समक्ष विश्वसनीयता का संकट सबसे बड़ी चुनौती- नरहरि

  
Last Updated:  May 30, 2019 " 07:02 am"

इंदौर: अभ्यास मंडल की व्याख्यानमाला में बुधवार को ख्यात टीवी जर्नलिस्ट पुण्य प्रसून वाजपेयी को वक़्ता के बतौर बोलना था पर एक दिन पहले उनके नहीं आने की सूचना आयोजकों को मिली। वे क्यों नहीं आए ये तो पता नहीं पर हर्ष मंदर और गौहर रजा की तरह वे भी मोदी फोबिया से ग्रसित जरूर हैं। अतः वे आते तो निशाने पर मोदी ही होते इसमें कोई संदेह नहीं था।
बहरहाल,पुण्य प्रसुनजी के इनकार के बाद नए वक़्ता की तलाश शुरू हुई और हाथ लगे मप्र के जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि। सरल स्वभाव के नरहरि साहब ने भी संकटमोचक बनना स्वीकार कर लिया। जनसंपर्क आयुक्त का सीधा संपर्क मीडिया से होता है तो उन्हें विषय भी दिया गया ‘ वर्तमान समय मे मीडिया के समक्ष चुनौतियां’ पी. नरहरि का इंदौर से पहले निगमायुक्त और बाद में कलेक्टर के रूप में भी नाता रहा है। इस शहर की तासीर वे खूब समझते हैं। जाल सभागृह में मौजूद श्रोताओं को लगा कि सरकारी अधिकारी होने से उनका भाषण नीरस होगा पर वे बोले और खूब बोले। बदलते वक्त के साथ मीडिया में आए बदलाव और ऑनलाइन मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर उन्होंने अपनी बात रखी। लोकतंत्र में मीडिया की जरूरत को पी. नरहरि ने रेखांकित किया पर बढ़ते बाजारवाद से मीडिया के दिशाहीन होने के खतरे को लेकर भी आगाह किया।

सबसे पहले, सबसे तेज की होड़ में विश्वसनीयता पर संकट।

जनसंपर्क आयुक्त ने सबसे पहले और सबसे तेज खबर देने की होड़ को गैरजरूरी बताया। उनका कहना था कि बिना तथ्य जाने समाचार परोसना कई बार घातक सिद्ध होता है। ब्रेकिंग न्यूज़ की प्रतिस्पर्धा मीडिया के समक्ष विश्वसनीयता का संकट पैदा कर रही है।

फेक न्यूज़ से किया सचेत..।

पी. नरहरि ने खासकर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ से सचेत रहने पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि लोग बिना खबर की सत्यता जाने उसे आगे बढ़ा देते हैं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।

सकारात्मक खबरों को दें स्थान।

जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि ने मीडिया में नकारात्मक खबरों को ज्यादा कवरेज दिए जाने पर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि सकारात्मक खबरें समाज में अच्छा संदेश देती हैं। वे लोगों में नई उम्मीदें जगाती हैं। आम आदमी के साथ मीडिया का जुड़ाव कायम रहना चाहिए।

विचारों की मौत नहीं होती..।

जनसंपर्क आयुक्त ने जोर देकर कहा कि विचार जन्म लेते हैं पर वे हमेशा जिंदा रहते हैं। उनकी मौत नहीं होती। नदियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया को सदैव प्रवाहमान होना चाहिए।

नवनिर्वाचित सांसद लालवानी का सम्मान।

इंदौर के नवनिर्वाचित सांसद शंकर लालवानी को इस मौके पर आमंत्रित कर अभ्यास मंडल ने उन्हें सम्मानित किया। सांसद लालवानी ने अपने संक्षिप्त उदबोधन में वादा किया कि शहर के विकास में जनता की राय सर्वोपरि होगी। इंदौर विमानतल के अंतरराष्ट्रीय होने की जानकारी भी उन्होंने इस अवसर पर दी।
कार्यक्रम में एक अखरने वाली बात संचालनकर्ता का बेवजह बोलते रहना थी। अतिथि वक़्ता का केवल परिचय देने में ही उन्होनें 15-20 मिनट लगा दिए।
कार्यक्रम में इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी अतिथि के बतौर मौजूद रहे। अभ्यास मंडल की ओर से वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने अतिथि वक़्ता का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किया। आभार अशोक जायसवाल ने माना।

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