इंदौर- भोपाल एक्सप्रेस हाइवे के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

  
Last Updated:  June 17, 2019 " 03:39 pm"

इंदौर: भोपाल- इंदौर के बीच 6 लेन एक्सप्रेस हाइवे के निर्माण के लिए 550 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार करने के साथ नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी गई है जो भूमि अधिग्रहण सहित संबंधित तमाम मुद्दों पर ध्यान देंगे।
ये जानकारी मप्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दी। वे कमलनाथ सरकार के 6 माह पूरे होने पर रेसीडेंसी कोठी में आयोजित पत्रकार वार्ता के जरिये उसकी उपलब्धियों के साथ अपने विभाग के कामकाज की प्रगति का ब्यौरा पेश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस हाइवे के दोनों ओर औद्योगिक क्षेत्र और टाउनशिप विकसित की जाएगी ताकि कारोबार को बढावा मिल सके।

एलिवेटेड ब्रिज और मेट्रो की दिक्कतें होंगी दूर।

पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि इंदौर से जुड़ी विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का जो वादा उन्होंने किया है उस दिशा में वे तेजी से प्रयासरत हैं। बीआरटीएस पर एलआईजी से नवलखा तक एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण हेतु जल्दी ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंत्री वर्मा ने मेट्रो रेल का कार्य प्रगति पर होने की बात कहते हुए बताया कि जहां मेट्रो और एलिवेटेड ब्रिज को लेकर दिक्कतें आ रहीं हैं वहां तकनीकि मापदंडों को ध्यान में रखते हुए उसका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

एक हफ्ते में होंगे फ्लाईओवर्स के टेंडर।

मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि पूर्वी रिंग रोड पर रेडिसन, एमआर- 9, खजराना, मूसाखेड़ी और आईटी पार्क खंडवा रोड चौराहों के साथ विजय नगर चौराहे पर फ्लाईओवर्स के निर्माण हेतु टेंडर एक सप्ताह में जारी हो जाएंगे। इनकी कुल लागत 232 करोड़ रुपए होगी।

भंवरकुआ से तेजाजी नगर तक 6 लेन होगी सड़क।

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने इंदौर- इच्छापुर हाइवे के तहत भंवरकुआ से तेजाजी नगर
तक की सड़क को 6 लेन बनाने की भी बात कही। उनका कहना था कि जल्दी ही इस सड़क के टेंडर भी जारी कर दिए जाएंगे।

मेजर रोड्स को बायपास से जोड़ेंगे।

मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि शहर की रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने के के लिए मेजर रोड्स को बायपास से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इन मार्गों पर ग्रीन बेल्ट भी विकसित किये जाएंगे।

पश्चिमी रिंगरोड पर बचते नजर आए मंत्री।

पीडब्लूडी मंत्री से जब बरसों से लंबित पश्चिमी रिंग रोड को लेकर सवाल किया गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए। इसीतरह शहर के मध्य में फ्लाईओवर्स की जरूरत और जवाहर मार्ग पर एलिवेटेड ब्रिज को लेकर किये गए सवाल को भी उन्होंने ये कहकर टाल दिया कि पुराने शहर में वे तोड़फोड़ के पक्ष में नहीं हैं।

मंत्री पटवारी के दौरे का किया बचाव।

उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा अन्य मंत्रियो के कार्यक्षेत्र में दखलन्दाजी कर दौरे और निरीक्षण किये जाने को लेकर भी पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन वर्मा से सवाल किया गया। इसपर उन्होंने ये कहते हुए पटवारी का बचाव किया कि मंत्री परिषद की जिम्मेदारी सामुहिक होती है। जरूरत होने पर वे एक- दूसरे के विभागों का कामकाज देख सकते हैं।

विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक।

इसके पूर्व मंत्री श्री वर्मा ने पीडब्ल्यूडी और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के के साथ बैठक कर लंबित और नई शुरू की गई परियोजनाओं की समीक्षा की। मंत्री श्री वर्मा ने अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति के बारे में जवाब तलब किया और समय सीमा तय कर उन्हें पूरा करने के निर्देश दिए।

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