इंदौर: निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस के साथ मारपीट और शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत मिल गई है। जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए अधिसूचित की गई भोपाल की विशेष एडीजे कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शाम को फैसले की जानकारी दोनों पक्षों को दी गई जिसके मुताबिक आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है। उन्हें 20- 20 हजार रुपए के मुचलके पर रिहा करने का आदेश अदालत ने पारित किया है। आकाश इंदौर की जिला जेल में बंद हैं। संभवतः उन्हें रविवार सुबह रिहा किया जा सकता है।
इंदौर एडीजे कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार।
आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तारी के बाद जेएमएफसी कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया था। बाद में आकाश की ओर से इंदौर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। एडीजे बीके द्विवेदी की अदालत ने मामला उनके क्षेत्राधिकार के बाहर का होने की बात कहते हुए उसे जनप्रतिनिधियों के मामलों के लिए तय की गई भोपाल की विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। इसपर आकाश के वकीलों ने शुक्रवार को भोपाल की विशेष एडीजे कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर दी थी। अर्जी पर शनिवार को सुनवाई के बाद अदालत ने आकाश को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
यह था मामला…
इंदौर नगर- निगम द्वारा जर्जर मकानों को गिराने की चलाई जा रही मुहिम के तहत बुधवार 26 जून को निगम का अमला गंजी कम्पाउंड स्थित एक जर्जर बताए जा रहे मकान को तोड़ने पहुंचा था। अपनी विधानसभा का मामला होने से विधायक आकाश विजयवर्गीय पीड़ित पक्ष {किराएदार } के बुलावे पर मौके पर पहुंचे थे। उनके समक्ष पीड़ित पक्ष ने घर की महिलाओं के साथ निगम अधिकारियों द्वारा बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। उनका ये भी कहना था कि मात्र एक दिन के नोटिस पर जबरन मकान खाली कराकर तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। इसपर विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारियों से कार्रवाई रोककर वहां से चले जाने को कहा था। बातचीत के दौरान ही विवाद इतना बढ़ गया कि शांत स्वभाव के आकाश भी आवेश में आ गए और उन्होंने बल्ला हाथ में थामकर निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस को दो शॉट जड़ दिए। आकाश के समर्थकों ने भी बायस के साथ मारपीट कर दी। इस घटना से मचे हड़कम्प के बाद पुलिस ने बायस की रिपोर्ट पर आकाश के खिलाफ कायमी कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उसे जेएमएफसी अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।