विश्वकप में थमा टीम इंडिया का सफर, न्यूजीलैंड फाइनल में

  
Last Updated:  July 10, 2019 " 07:30 pm"

मैनचेस्टर: आईसीसी विश्वकप-2019 में खिताब जीतने की सबसे प्रबल दावेदार समझी जा रही टीम इंडिया का सफर सेमीफाइनल में हार के साथ समाप्त हो गया। न्यूजीलैंड ने उसे 18 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली जहां उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। अबतक अच्छा खेल दिखा रही टीम इंडिया के यूं हार जाने से करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को भी करारा झटका लगा और उनमें मायूसी छा गई।

न्यूजीलैंड ने दिया था 240 रनों का लक्ष्य।

बारिश के कारण दो दिन चले सेमीफाइनल में पहले दिन तेज बरसात होने से मैच रोक देना पड़ा था। उससमय न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 46.1 ओवर में 5 विकेट पर 211 रन बना लिए थे। दूसरे दिन याने बुधवार को आगे खेलते हुए कीवी टीम ने अपने स्कोर में 3 विकेट गवांकर 28 रन और जोड़े। 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन पर उसकी पारी समाप्त हुई। न्यूजीलैंड की पारी में कप्तान केन विलियमसन ने 67 और टेलर ने 74 रनों का योगदान दिया। भारत की ओर से भुवनेश्वरकुमार ने सर्वाधिक 3 विकेट झटके।

भारत की शुरुआत रही खराब।

कीवी टीम के 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की बल्लेबाजी स्विंग होती गेंदों के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। इस विश्वकप में 5 शतक लगाकर शानदार फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा दूसरे ही ओवर इन मेट हैनरी की घूमती हुई गेंद पर विकेट कीपर टॉम लैथम को कैच थमा बैठे। उन्होंने केवल एक रन बनाया था। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान विराट कोहली से उम्मीद थी कि वे विकेट पर जमें रहकर टीम इंडिया को उबार लेंगे लेकिन अगले ही ओवर में बोल्ट की गेंद तेजी से अंदर आई और विराट के पैड पर जा टकराई। जीरो के स्कोर पर कोहली एलबीडब्ल्यू होकर पैवेलियन लौट गए। यह भारत के लिए लगातार दूसरा बड़ा झटका था। ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। एक बार फिर मेट हेनरी की स्विंग होती गेंद ने कमाल दिखाया। केएल राहुल के बल्ले को छूती हुई हेनरी की गेंद विकेटकीपर लैथम के दस्तानों में समा गई। भारत को ये तीसरा करारा झटका था। अभी बोर्ड पर सिर्फ 5 रन टंगे थे और टीम इंडिया का दिग्गज टॉप ऑर्डर पेवेलियन लौट चुका था। समूचे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया था। यहां से ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक ने लड़खड़ाती पारी को संभालने की कोशिश की। दोनों ने बमुश्किल 19 रन ही जोड़े थे कि 10 वे ओवर की अंतिम गेंद पर कार्तिक पॉइंट पर खड़े जिम्मी नीशम को कैच थमा बैठे। यह मेट हेनरी की तीसरी सफलता थी।

ऋषभ ने जल्दबाजी में गंवाया विकेट।

कार्तिक के आउट होने के बाद मैदान में उतरे हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत ने सावधानी के साथ खेलना प्रारम्भ किया। ऐसा लगने लगा था कि दोनों, टीम इंडिया को संकट से उबार लेंगे तभी ऋषभ जल्दबाजी कर गए और छक्का जड़ने के प्रयास में मिड विकेट पर ग्रेडहोम को कैच दे बैठे। उन्होंने 32 रन बनाए। 5 वा विकेट गिरने के बाद धोनी ने मैदान संभाला। पांड्या और धोनी संभलकर खेल रहे थे पर रन रेट बढ़ता जा रहा था। 30 ओवर में इंडिया का स्कोर 92 रन पर पहुंचा था कि बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में पांड्या ने विलियमसन को कैच थमा दिया। विलियमसन ने पीछे की ओर दौड़ लगाकर कैच पकड़ा और पांड्या की पारी का अंत कर दिया।

धोनी- जडेजा ने लड़ाया किला।

92 रनों पर 6 विकेट होने के बाद रवींद्र जडेजा और धोनी ने विकेट बचाते हुए पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने सातवे विकेट के लिए 116 रन जोड़कर मैच को रोचक बना दिया। ऐसा लगने लगा था कि मैच भारत जीत सकता है उसी दौरान 48 वे ओवर में जडेजा आउट हो गए। उन्होंने शानदार बेटिंग करते हुए 4 चौके और 4 छक्के की मदद से 59 गेंदों में 77 रन बनाए। उसके बाद गुप्टिल के सीधे थ्रो ने धोनी को भी रनआउट कर पेवेलियन भेज दिया। धोनी के आउट होते ही भारत की उम्मीदें खत्म हो गई। भुवनेश्वर और चहल भी कुछ खास नहीं कर पाए और टीम इंडिया 221 रनों पर आलआउट हो गई। न्यूजीलैंड ने 18 रनों से जीत हासिल कर ली और फाइनल में पहुंच गई। 2015 के विश्वकप में भी न्यूजीलैंड फाइनल में पहुंची थी पर उसे आस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

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