इंदौर: 14 फरवरी 2019 ये वो तारीख है जिस दिन जम्मू- कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इतनी बड़ी तादाद में जवानों की शहादत से देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। बाद में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के अड्डे पर एयर स्ट्राइक कर जवानों की शहादत का बदला लिया था। समय के साथ लोग इस घटना को भूलकर अपनी आम जिंदगी में व्यस्त हो गए लेकिन बंगलुरु में रहनेवाले उमेश गोपीनाथ जाधव को जवानों की शहादत ने विचलित कर दिया। उन्हें यह बात बैचेन कर रही थी कि युवाओं में जवानों की शहादत को लेकर वो जज्बा दिखाई नहीं देता जिसकी देश को दरकार है। इस बात ने उन्हें देश का भ्रमण कर युवाओं को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। बीती 9 अप्रैल को वे अपनी निजी कार से देशभक्ति का अलख जगाने निकल पड़े।
गुरुवार 1 अगस्त को वे इंदौर पहुंचे। यहां आने के बाद वे इंदौर प्रेस क्लब आए और अपनी यात्रा को लेकर पत्रकारों को जानकारी दी।
अभी तक कर चुके हैं 7 राज्यों का भ्रमण।
मूल महाराष्ट्र के औरंगाबाद से ताल्लुक रखने वाले उमेश जाधव ने बताया कि वे 18 वर्ष पूर्व बंगलुरु में ही बस गए थे। वे वहां संगीत अकादमी चलाते हैं। पत्नी नौकरी करती है। 2 बच्चे हैं। उमेश कहते हैं कि पत्नी के सपोर्ट के चलते ही वे इस अभियान पर निकल सके। अभी तक वे 7 राज्यों कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी, गोवा और महाराष्ट्र का भ्रमण कर चुके हैं। यहां से वे भोपाल और जबलपुर जाएंगे। उमेश बताते हैं कि उनकी यात्रा को किसी ने प्रायोजित नहीं किया है। आम लोग ही उनकी मदद कर रहे हैं। खाना खिलाने के साथ लोग उन्हें आगे की यात्रा के लिए आर्थिक मदद भी कर रहे हैं।
शहीद स्मारकों से मिट्टी कर रहे एकत्रित।
उमेश जाधव ने बताया कि वे सभी 29 राज्यों में जाएंगे। जहां- जहां भी सीआरपीएफ के शहीद स्मारक हैं, वहां की मिट्टी वे एकत्रित कर रहे हैं। जवानों की शहादत की बरसी पर 14 फरवरी 2020 को वे पुलवामा पहुंचेंगे। वहां देशभर के शहीद स्मारकों से जुटाई गई मिट्टी से वे और उनके सहयोगी भारत का नक्शा बनाकर जवानों की शहादत को समर्पित करेंगे।
इंदौर में अपने अभियान को मिले प्रतिसाद को लेकर उमेश ने खुशी जताई।