वरिष्ठ पत्रकार शशीन्द्र जलधारी के निधन से पत्रकारिता जगत में छाया शोक

  
Last Updated:  August 31, 2019 " 03:31 pm"

इंदौर : वरिष्ठ पत्रकार और इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शशीन्द्र जलधारी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बीते 15 दिनों से निजी अस्पताल में भर्ती थे। इंदौर प्रेस क्लब और प्रदेश सरकार ने उनके इलाज में पूरी मदद की पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। करीब तीन वर्ष पूर्व लिवर की बीमारी का उन्हें पता चला था। इलाज तो तभी से उनका चल रहा था पर हाल ही के दिनों में तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी। बीमार होते हुए भी वे लेखन- पठन में सक्रिय रहे। नईदुनिया और दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में जलधारीजी ने बरसों तक काम किया। सिटी रिपोर्टिंग में वे सिद्धहस्त माने जाते थे। अखबारी दुनिया से रिटायर होने के बाद देवी अहिल्या विवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में पत्रकारिता की नई पौध को तैयार करने में उन्होंने अहम योगदांन दिया। कविताएं लिखने का उन्हें शौक था। उनका 9 वा कविता संग्रह बीते जून माह में ही प्रकाशित हुआ था। विमोचन समारोह में जलधारीजी स्वयं भी उपस्थित थे। उन्होंने अपनी कविताएं भी सुनाई थी। उसके बाद भी एक दो बार प्रेस क्लब में उनका आना हुआ था। ऐसा लग रहा था कि वे ठीक होकर अपनी सक्रिय दिनचर्या में लौट रहे हैं पर अगस्त में फिर उनकी तबियत बिगड़ी और इस बार जिंदगी की जंग वे हार गए। उनके जाने से हिंदी पत्रकारिता का एक स्तंभ ढह गया।

सीएम सहित कई विशिष्टजनों ने जताया शोक।

वरिष्ठ पत्रकार शशीन्द्र जलधारी के इलाज में हरसंभव मदद देनेवाले मप्र के सीएम कमलनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। ट्वीटर के जरिये सीएम ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कर दिवंगत जलधारीजी के परिजनों को यह दुःख सहन करने शक्ति देने की प्रार्थना ईश्वर से की है।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्रदेश सचिव राजेश चौकसे ने वरिष्ठ पत्रकार शशीन्द्र जलधारी के निधन पर गहरा दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि जलधारीजी के जाने से इंदौर की पत्रकारिता का एक अध्याय खत्म हो गया है।
जलधारीजी के साथ नईदुनिया में लंबे समय तक काम करनेवाले अमर उजाला डिजिटल मीडिया के संपादक जयदीप कर्णिक ने कहा कि जलधारीजी के जाने से क्षेत्रीय पत्रकारिता को बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि जलधारीजी सिटी रिपोर्टिंग के मास्टर थे। वे उस दौर में स्पॉट पर जाकर सिटी रिपोर्टिंग किया करते थे जब सोशल मीडिया का अस्तित्व ही नहीं था। वक़्त के साथ पत्रकारिता में आए बदलाव के अनुरूप नए पत्रकारों को शिक्षित करने के लिए उन्होंने नईदुनिया में रहते अथक प्रयास किये। उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उनकी कमीं खलती रहेगी।
बीजेपी नेता गोविंद मालू ने शशीन्द्र जलधारीजी के जाने को दुखद बताते हुए कहा कि शशीन्द्र जी शहर के एक इनसाइक्लोपीडिया थे,वे कवि गायक तो थे ही उससे ज्यादा वे एक मिलनसार इंसान थे।सामाजिक सरोकारों को उन्होंने जिया,निभाया और जीवन को पारदर्शिता से चलाया।उनका जाना पत्रकारिता जगत के साथ समाज की क्षति है।उन्होंने जीवन से अंतिम समय बहुत दर्दनाक संघर्ष किया।
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि शशींद्र जलधारी जी के निधन से सकारात्मक पत्रकारिता का एक सशक्त हस्ताक्षर हमारे बीच से चला गया। उन्होंने पत्रकारों की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। वे पत्रकारिता के विद्यार्थियों मे रम जाते थे और उनके समग्र विकास को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। इंदौर प्रेस क्लब को हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा और हर आयोजन मे उनकी सहभागिता रहती थी।
वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने जलधारीजी के साथ बिताए वक़्त को याद करते हुए कहा कि इंदौर प्रेस क्लब के वह गोल्डन पीरियड था जब जलधारीजी अध्यक्ष और वे महासचिव हुआ करते थे। दैनिक प्रभात किरण के वरिष्ठ पत्रकार तपेन्द्रजी ने शशीन्द्र जलधारी जी को अपना पारिवारिक मित्र बताते हुए कहा कि शहर की नब्ज पर उनकी पकड़ थी। नए पत्रकारों को सिखाने में सदैव आगे रहे।
अभ्यास मंडल के शिवाजी मोहिते ने शशीन्द्र जलधारीजी के निधन को पारिवारिक क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि जलधारीजी का अभ्यास मण्डल के साथ लम्बा जुड़ाव रहा है। वे अच्छे पत्रकार होने के साथ अच्छे इंसान भी थे।

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