इंदौर : बहुचर्चित हाइप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार की गई 5 में से भोपाल निवासी तीन आरोपी महिलाओं को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भिजवा दिया है। पुलिस की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग अदालत ने नहीं मानी।
पुलिस ने सात दिन का मांगा था रिमांड।
इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह को जाल में फांसकर 3 करोड़ रुपए की मांग करने के मामले में पुलिस ने भोपाल निवासी श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन और बरखा पति अमित सोनी को भी बन्दी बनाया था। उनकी गिरफ्तारी पूर्व में सुनियोजित ढंग से पकड़ी गई आरती दयाल व मोनिका यादव से पूछताछ के बाद की गई थी। गिरफ्तारी के बाद तीनों को इंदौर लाया गया। गुरुवार को पुलिस ने आरती, मोनिका और उनके कार चालक ओमप्रकाश के साथ श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल और बरखा पति अमित को भी अदालत में पेश किया था। अदालत ने आरती, मोनिका व ओमप्रकाश को 22 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा था जबकि श्वेता, बरखा और श्वेता को एक दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा था। इसके चलते शुक्रवार को तीनों को पुनः जेएमएफसी राकेश कुमार पाटीदार की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने अदालत में तीनों आरोपी महिलाओं का रिमांड 7 दिन और बढाने की मांग की । बचाव पक्ष के वकीलों ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पुलिस की रिमांड बढ़ाने की मांग को खारिज करते हुए तीनों आरोपी महिलाओं को 4 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। आरोपी महिलाओं की ओर से अलग- अलग वकील पैरवी के लिए मौजूद रहे।
सोमवार को होगी जमानत अर्जी पर सुनवाई।
आरोपी बरखा के वकील आनंद सोसरिया ने बताया कि सोमवार को वे अपनी पक्षकार की ओर से जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे। आरोपी श्वेता पति विजय की ओर से मेडिकल ग्राउंड पर दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी। आरोपी श्वेता पति स्वप्निल के वकील भी सोमवार को ही जमानत का आवेदन लगाएंगे।