विदेशों से आए बच्चे भी बापू के बारे में रखते हैं खासी जानकारी

  
Last Updated:  October 3, 2019 " 11:05 am"

इंदौर : एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल में विश्व में शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए
दुनियाभर के नामी स्कूलों के बच्चे इंदौर आए हैं। बुधवार (2 अक्टूबर) को बापू के 150वें जन्मदिवस के मौके पर एमरल्ड हाइट्स में उनके जीवन से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई।इस प्रदर्शनी को देखने में भारतीय बच्चों के साथ विदेशी बच्चों ने भी खासी रुचि दिखाई। स्विट्जरलैंड के इंटर कम्युनिटी इंटरनेशनल स्कूल की क्लिओ ग्राना के साथ एडवर्ड मैकग्रावा ब्राउन, अनुषा कॉक, साशा बिनिवाले और तालिता मायरतोग्लोउ ओल्ब्रस ने बताया कि ‘महात्मा गांधी” का नाम हमारे लिए नया नहीं है। उनके नाम पर स्कूल 1960 में ज्यूरिख में स्थापित हुआ था। यह स्कूल विश्व के बेहद प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार है। क्लिओ ग्राना ने कहा- हमने स्कूल में बापू के बारे में पढ़ा है। उन्होंने विश्व में शांति और अहिंसा
का संदेश दिया। किस तरह बिना हिंसा के उन्होंने भारत को आजादी दिलाई।
ये सभी बच्चे 15 साल की उम्र के हैं। इनके साथ ऑस्ट्रेलिया के वेस्टमिनिस्टर स्कूल की
एलिशा एलियट भी थी। उन्होंने कहा कि मुझे महात्मा गांधी के बारे में इतनी जानकारी तो नहीं है, लेकिन फिर भी बहुत कुछ जानती हूं। ऑस्ट्रेलियाई बच्चे भी बापू से अनजान नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया के सिमोन अर्नाट और सैम व्हाइट 16 साल के हैं। सिमोन के लिए
इंदौर नया नहीं है। वे स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सितंबर में
ही इंदौर आए थे। चर्चा में सिमोन ने कहा- मुझे इंदौर का खाना और यहां के
पर्यटन स्थल बहुत अच्छे लगे। इसलिए जब दोबारा यहां आने की बात हुई तो मैं तुरंत तैयार हो गया। महात्मा गांधी के बारे में पूछने पर सिमोन ने कहा-
मैं बहुत ज्यादा तो नहीं जानता, लेकिन इतना पता है कि उन्होंने भारत को
आजादी दिलाई थी। वे अहिंसा का संदेश देते थे और भूख हड़ताल जैसे अहिंसक आंदोलन उन्होंने किए। मुझे पता चला है कि यहां महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगी है और मैं अपने दोस्तों के साथ इसे देखने आया हूं।

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