इंदौर: यदि आपको जीवन में सफल होना है, ऊंचाइयों को छूना है और बड़ा आदमी बनना है तो अपने अंदर के विश्वास को जगाएं। बड़ा सोचें और बड़ा सपना देखें। सुपर 30 के सफलता का राज यही है कि वहां हम बच्चों में विश्वास जगाते हैं कि तुम बहुत बड़े आदमी बन सकते हो। आई आई टी तो बहुत छोटी चीज़ है। यह बात सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने कही। वे तीन दिवसीय प्रेस्टीज सिल्वर जुबली महोत्सव के अंतिम दिन छात्रों के विशाल समूह को सम्बोधित कर रहे थे। विषय था `मिलेनियल्स एंड जनरेशन जेड – कनेक्टिंग न्यू इंडिया’
उन्होंने छात्रों से कहा कि वो कभी अपने लक्ष्य से समझौता नहीं करें। आप यदि मन से किसी चीज़ को चाहो तो उसे पाने के लिए सतत लगे रहिए, भले ही परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों ना हो, सफलता अवश्य मिलेगी।
उन्होंने छात्रों को सफलता के चार मन्त्र बताते हुए कहा कि सफल होने के लिए पहला सूत्र है कि आपके अंदर किसी चीज़ को पाने के लिए प्रबल प्यास होना चाहिए कि मुझे यह चीज़ किसी भी कीमत पर हासिल करना है। सफलता का दूसरा सूत्र है सकारात्मक सोच। आपके समक्ष परिस्थितियां कैसी भी क्यों ना हो ? भले ही आपके बारे में लोग नकारात्मक बात करें, अपने सोच को हमेशा पॉजिटिव रखिये।आनंद कुमार ने कहा सफलता का तीसरा सूत्र है – अथक प्रयास। आप लगातार कठिन परिश्रम करते रहिये, कभी नहीं रुकिए। सफलता आपको अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा सफलता का चौथा सूत्र है असीम धैर्य। आपके समक्ष कैसी भी परिस्थिति हो आप अपने धैर्य को मत खोएं, क्योंकि ऐसा होने पर आप अपने लक्ष्य के करीब नहीं पहुँच पाएंगे।
आनंद कुमार ने कहा कि उन्हें विश्व के बहुत से देशों और बड़े बड़े शिक्षण संस्थाओं में जाने का मौका मिला है, पर जो उत्साह उन्होंने प्रेस्टीज संस्थान के छात्रों में देखी वैसा उत्साह उन्हें कहीं देखने को नहीं मिला। उन्होंने कहा जिसका वो सुनते आ रहे हैं कि आने वाले समय में भारत विश्व गुरु बनेगा तो राजनीतिज्ञों या ब्यूरोक्रेट्स के बदौलत नहीं बल्कि आप सब जैसे होनहार युवाओं की बदौलत बनेगा। इस अवसर पर आनंद कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पीआईएम्आर विद्यानंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पारदर्शी बनें, आसपास के लोगों का सम्मान करें: मनीष मुंद्रा
इंडोरामा एल्मी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष मुंद्रा ने अपने उद्बोधन में आनंद कुमार की बातों को आगे बढ़ाते हुए छात्रों से कहा कि हम सबको अपने जीवन में संघर्षों से गुजरना पड़ता है पर कभी भी हमें बड़ा सोचना बंद नहीं करना चाहिए। आप सब जहाँ कहीं भी हों, अपने आसपास के लोगों का हमेशा सम्मान करें क्योंकि यही आपके सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा जीवन में सफल होने के लिए पारदर्शी होना भी आवश्यक है। मुंद्रा को
पीआईएम्आर अवार्ड फॉर सोशल इम्पैक्ट थ्रू क्रिएटिव एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया.
अंग्रेजी गुलामी का प्रतीक : डॉ वैदिक
वरिष्ठ पत्रकार तथा कौंसिल फॉर इंडियन फॉरेन पालिसी एवं भारतीय भाषा सम्मलेन के चेयरमैन डॉ वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि उनके जीवन का सबसे सुखद क्षण तब था जब वो आनंद कुमार सर से मिले, क्योंकि उन्होंने मुझे अपने बचपन की याद दिला दी। मैं भी जब 15 वर्ष की आयु का था तो ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाया करता था। अंग्रेजी भाषा को भारत में अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक बताते हुए डॉ वैदिक ने कहा कि देश में मेडिकल शिक्षा की पढाई हिंदी भाषा में होनी चाहिए। देश के शासन प्रणाली में भी हिंदी भाषा का उपयोग होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि वो शाकाहारी बने, क्योंकि यह ना सिर्फ उनके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होगा बल्कि दूसरे जीवों के प्रति उनमें अहिंसात्मक प्रवृत्ति पैदा करेगा। डॉ. वैदिक को पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पीआईएमआर मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
जनरेशन जेड आज की वास्तविकता है: राजीव भदौरिया
इबुलिएंट के संस्थापक एवं मैनेजिंग पार्टनर राजीव भदौरिया ने कहा कि जनरेशन जेड आज की वास्तविकता है। जनरेशन जेड की शक्ति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आज हमारे पास चन्द्रमा पर पहुंचकर वहां से हीलियम 3 लाने की शक्ति है जिससे प्रचुर ऊर्चा पैदा की जा सकती है। भदौरिया ने कहा कि वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने हमें ऐसे 10 स्किल्स (कौशल) बताए हैं जिसके बारे में हम अभी तक नहीं जानते। अतः पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि क्या हमारे लिए उपयोगी नहीं है, यह जानने की अपेक्षा कि क्या हमारे उपयोगी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वो अपने ऊपर तकनीक को हावी न होने दें।
इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा प्रेस्टीज शिक्षा समूह के सभी छात्रों, एलुमनाई, फैकल्टीज एवं संस्थापक को प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान के सफल 25 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी।
डॉ. डेविश जैन ने स्टार्टअप्स के लिए 25 लाख रूपये देने की घोषणा की।
प्रेस्टीज एजुकेशन सोसाइटी के वाईस चेयरमैन डॉ डेविश जैन ने `माय ट्रांसफॉर्म’ साइट का अनावरण करने के साथ साथ अटल इन्क्यूबेशन सेंटर – प्रेस्टीज इंस्पायर फाउंडेशन में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 25 लाख रूपये देने की घोषणा की।