नई दिल्ली : महाराष्ट्र में छिड़े सत्ता संग्राम के बीच शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी द्वारा बनाई गई संयुक्त ‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ की ओर से दायर याचिका पर ‘सुप्रीम’ फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित किया है। सुप्रीम फैसले में कहा गया है कि बुधवार 27 नवम्बर को विधायकों के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद फ्लोर टेस्ट होगा।
प्रोटेम स्पीकर ही कराएंगे बहुमत का परीक्षण।
अंतरिम आदेश में कहा गया है कि स्पीकर का चुनाव नहीं होगा। सबसे वरिष्ठ विधायक ही प्रोटेम स्पीकर होगा। वे विधायकों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद बहुमत का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक का समय तय किया है।
पारदर्शी होगी मतदान की प्रक्रिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी रखने और समूची कार्रवाई का लाइव टेलीकास्ट करने का भी आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि विधायकों की खरीद- फरोख्त न हो इसलिए अन्तरिम आदेश दिया गया है।