रणजीत की भूल से धूमिल हुई पुलिस की छवि

  
Last Updated:  November 29, 2019 " 09:29 am"

कीर्ति राणा

इंदौर : सुपर कॉप ने इंदौर का नाम रोशन किया इससे कोई इंकार नहीं कर सकता लेकिन सामने आए वीडियो से उनका दूसरा चेहरा वॉयरल हो गया है।ऐसा नहीं कि पुलिस-ऑटो चालक के बीच ऐसे विवाद नहीं होते। ये चर्चा में आया तो बड़ा कारण रणजीत सिंह के हाथों यह काम होना था, किसी अन्य सिपाही ने किया होता तो इतना बवाल नहीं मचता। फिर यदि ऑटोचालक की अपेक्षा किसी कारचालक से ऐसी भूल हुई होती तो रणजीतसिंह का ऐसा रौद्र रूप शायद ही नजर आता।
ट्रैफिक कंट्रोल के लिए हायकोर्ट चौराहा देश-विदेश में पहचाना जाता है, अब ट्रैफिक पुलिस के आइकॉन की इस भूल से पुलिस की छवि भी धूमिल हुई है।ट्रैफिक जवान रणजीत सिंह का दावा है कि आटो चालक ने पैर पर पहिया चढ़ा दिया था। इस दावे की असलियत तो इस चौराहे पर लगे कैमरों से (यदि चालू हालत में हों तो) ही पता चल सकती है लेकिन यदि ऐसा हुआ भी तो बेरहमी से पिटाई का अधिकार कैसे मिल गया। वीडियो में जिस वहशी तरीके से पिटाई करते और आटो चालक गिड़गिड़ाते हुए नजर आ रहा है वह यह सोचने को भी मजबूर कर देता है कि जिस चौराहे पर 12 कैमरे लगे हों वहां सुपर कॉप के थिरकते पैरों पर पहिया चढ़ाने की हिम्मत के लिए कितना साहस चाहिए।
यह वीडियो सामने आने के बाद से शहर दो हिस्सों में बंट गया है।एक पक्ष इस हरकत को सही ठहराने के साथ ही यह दलील दे रहा है कि शहर के ट्रैफिक का सत्यानाश करने और आम वाहन चालकों को होने वाली परेशानी की अनदेखी करने वाले बदमिजाज ऑटो चालकों के साथ पुलिस को इसी तरह पेश आना चाहिए।इसी वजह से रणजीत सिंह को आज भी हीरो मानने वाले उसकी इस गलती को नजर अंदाज कर देना चाहते हैं।दूसरा पक्ष (हिमेश रेशमिया की खोज) रानू मंडल को याद करते हुए मान रहा है कि सिर पर चढ़ाने के बाद गुरूर जब सिर चढ़ कर बोलने लगता है तो एक दिन यही हश्र होता है।बड़े अधिकारियों के प्रिय और एकमात्र हायकोर्ट चौराहे पर वर्षों से मून वॉक करते रणजीत सिंह से यह अपेक्षा नहीं थी कि वे कानून अपने हाथ में ले सकते हैं।अपने अनूठे अंदाज से जिसने शहर का और बॉलीवुड सितारों का दिल जीता वह अपनी इस एक गलती के कारण निशाने पर है। एडीजी वरुण कपूर ने आदर्श बनाने के लिए जिस मार्ग को चुना उस सपने को विभाग के ही जवान ने ध्वस्त कर दिया।
मानवाधिकार के डंडे के भय से जब पुलिस महकमा सार्वजनिक रूप से गुंडों की ‘पूजा’ करने में घबराता हो ऐसे में एक रिक्शा चालक के साथ इस तरह की हरकत कैसे सही ठहराई जा सकती है।गलती पर उसका चालान काटने, लायसेंस निरस्त करने, वाहन जब्त करने जैसे आसान विकल्प भी हैं उन्हें यह कैसे याद नहीं रहा? शोहरत पाने का यह अंदाज आत्मघाती साबित हो सकता है यह भी नहीं सोचा होगा।कानून हाथ में लेने की अपेक्षा कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुना होता तो यह बवाल नहीं मचता।उन्हें तो यह भी याद नहीं रहा कि जो लोग उनकी डांसिंग स्टैप वाली वीडियो वॉयरल करते रहे हैं वे ही इस करतूत को वॉयरल करने से कैसे चूकेंगे।

(फ़ोटो गूगल से साभार)

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