प्रहलाद लोधी मामले में SC के फैसले से कांग्रेस को पड़ा करारा तमाचा

  
Last Updated:  December 6, 2019 " 06:12 pm"

भोपाल : एक बार फिर से लोकतंत्र और न्याय की जीत हुई। पवई से विधायक प्रहलाद लोधी के मामले में कांग्रेस लगातार राजनीति कर रही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करके यह साबित कर दिया है कि भाजपा इस मामले में पहले दिन से जो बात कह रही थी, वह सही थी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।

जनता से माफी मांगें विधानसभा अध्यक्ष

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि मप्र विधानसभा अध्यक्ष का रवैया अत्यंत निदंनीय रहा है। उन्होंने जिस तरह पार्टी की राजनीति की है, वह स्पीकर को नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2 तारीख को स्पेशल कोर्ट ने विधायक लोधी को सजा सुनाई और जमानत के साथ अपील करने के लिए समय भी दिया। लेकिन 4 तारीख को स्पीकर ने अचानक फैसला लेकर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट ने फैसले और दंडादेश पर स्थगन दे दिया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष एक महीना निकलने के बाद चुनाव आयोग को सीट रिक्त होने की अनुशंसा भेज देते है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सरकार की अपील को खारिज करते हुए साबित कर दिया कि प्रहलाद लोधी विधानसभा के सदस्य थे और रहेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब प्रदेश सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को पूरे प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए।

कमलनाथ सरकार को जनता से लेना देना नहीं।

राकेश सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार केवल बयानबाजी करती है। हर बात के लिए केन्द्र सरकार पर आरोप लगाने वाली यह सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने और भागने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार को प्रदेश की जनता के हितों से कोई लेना- देना नहीं है। कांग्रेस ने किसानों, युवाओं, महिलाओं से झूठ बोला। कांग्रेस के शासन में प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप पड़ी है और पूरे प्रदेश में अराजकता का वातावरण है।

किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार।

श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों की बदहाली और दुर्दशा के लिए कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नीम कोटेड यूरिया की शुरूआत की थी, जिससे यूरिया संकट समाप्त हो गया था। लेकिन प्रदेश में जब से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी है तब से हर क्षेत्र में बदहाली शुरू हो गयी है। पीड़ित किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ। भीषण बारिश के कारण फसलों का नुकसान हुआ, न सर्वे हुआ न मुआवजा दिया। केन्द्र सरकार ने 1 हजार करोड़ रूपए की मुआवजा राशि भेजी थी, वह भी बांटी नहीं गयी। अगली फसल के लिए किसानों को यूरिया भी नहीं मिल रहा है और उन्हें लाइन में लगना पड़ रहा है।

एनकाउंटर से गया सकारात्मक संदेश।

श्री सिंह ने कहा कि एक लड़की पर पाशविक अत्याचार और उसे निर्ममतापूर्वक जलाए जाने के बाद कानून अपना काम कर रहा था। लेकिन जो परिस्थितियां बनी उनमें हैदराबाद पुलिस को आरोपियों का एनकाउंटर करना पड़ा। मुझे लगता है कि इससे एक सकारात्मक संदेश गया है। लोगों के बीच में स्पष्ट संदेश गया है कि कानून नाम की कोई चीज है। कानून का यह राज हमेशा बना रहना चाहिए। आज यदि अपराधी भाग जाते तो फिर किसी बेटी का जीवन बर्बाद कर सकते थे। हैदराबाद के पुलिस अधिकारी जिन्होंने एनकाउंटर किया है वह सभी वाहवाही के अधिकारी है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद पूरे देश में लोगों के मन में गुस्सा था। देश की जनता मानती है कि ऐसे लोगों के लिए यही सजा उचित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। ऐसे मामलों में समाज के भीतर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मानसिक विकृति को केवल कानून से नहीं रोका जा सकता, कानून से डर पैदा किया जा सकता है और वह डर होना चाहिए।

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