तृप्ति के गायन से सुरभित हुई रविवार की सुबह

  
Last Updated:  December 8, 2019 " 04:16 pm"

इंदौर : आमतौर पर इंदौर प्रेस क्लब में सुबह पत्रकारों का जमावड़ा होने लगता है। दिनभर कहां और क्या इवेंट है। कौन मंत्री किस कार्यक्रम में हाजिरी बजाने जा रहा है। कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई। यही चर्चा के विषय होते हैं। इसी के साथ कोई न कोई प्रेस वार्ता आयोजित होती रहती है, लेकिन रविवार को माहौल कुछ बदला- बदला सा था। प्रेस क्लब के हॉल में भारतीय पद्धति की बैठक सजी हुई थी और कानसेनों की बड़ी जमात वहां मौजूद थी। स्टेज के पीछे एक बोर्ड लगा था। जिसपर लिखा था a Morning with an Artist. बोर्ड पर आर्टिस्ट का बड़ा सा फ़ोटो और नाम भी अंकित था। थोड़ी ही देर में पृष्ठभूमि में नजर आ रही आर्टिस्ट तानपुरे के साथ खुद मंच पर विराजमान हो गई।
दरअसल ये शास्त्रीय संगीत की महफ़िल थी और इसके आयोजन में सारेगामा म्यूजिक कॉलेज के साथ इंदौर प्रेस क्लब भी सहभागी बना था। कलाकार थी गायिका तृप्ति कुलकर्णी।
गायन में गले का साथ बहुत जरूरी है पर इन दिनों मौसम की मार कुछ ऐसी पड़ रही है कि सर्दी- खांसी के साथ बोनस में गले का संक्रमण भी मिल रहा है। जैसा कि बताया गया दो दिन पहले तक तृप्ति कुलकर्णी को भी गले के संक्रमण ने हलाकान कर रखा था। ऐसे में वे चिंतित थी कि सुबह की ठंड में गला कहां तक साथ दे पाएगा। हालांकि उनके गायन का आगाज होते ही सारी चिंताएं, संक्रमण, किन्तु- परंतु पीछे छूट गए और सुमधुर स्वरलहरियों से प्रेस क्लब का सभागार सुरभित होने लगा। तृप्ति जी के गायन में वो कशिश नजर आई जो श्रोताओं के कानों से उतरकर उनके दिल को छू सके।
बहरहाल, तृप्ति कुलकर्णी ने राग हिंडोल में विलंबित रूपक में बंदिश ‘छनक बूंद पड़ी’ पेश करने के बाद छोटा ख्याल एकताल मध्य लय में गाया। बोल थे ‘जा रे पथिकवा’
अबतक महफ़िल की रंगत जमने लगी थी। अपने गायन को विस्तार देते हुए कि चतुरंग पेश किया। राग शुद्ध सारंग में त्रिताल में दी गई इस प्रस्तुति के बोल थे ‘गाइये सजन गुणी जन’ । श्रोताओं ने कानों में रस घोलनेवाली इस पेशकश को दिल से सराहा। तृप्ति कुलकर्णी ने चैत्र माह में गाई जानेवाली चेती, ताल दीपचंदी में गाने के बाद मीरा का भजन ‘म्हारे घर आवोजी प्रीतम प्यारा’ गाकर श्रोताओं की अधूरी प्यास को पूरा किया। अंत में भैरवी गाकर तृप्ति ने अपने गायन को विराम दिया। हारमोनियम पर रचना शर्मा और तबले पर मनीष खरगोनकर ने तृप्ति के गायन को परवान चढाया।
इसके पूर्व सारेगामा म्यूजिक कॉलेज के विद्यार्थी आरुषि, अनिका बंडी, नीलाक्ष रोकड़े, नंदिनी सारड़ा, सोहनी सिंह, दिव्यांश कनोजिया, माही कदम, वेगा जैन और पर्णवि साहा ने राग भैरव में बंदिश ‘धन धन मूरत’ पेश कर अपनी प्रतिभा की झलक पेश की। हारमोनियम पर डॉ. हंसा सोनी और तबले पर कुणाल लहारे ने संगत की।
प्रारम्भ में सुनील मसूरकर ने दीप प्रज्जवलित किया। गायिका तृप्ति कुलकर्णी और संगत कलाकारों का स्वागत इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, महासचिव नवनीत शुक्ला, मोना ठाकुर, प्रीति मिश्रा व दीप हरियाणी ने किया। संचालन रसिका गावड़े ने किया। आभार सिमरन भाटिया ने माना।

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