बीजेपी घर- घर जाकर बताएगी नागरिकता संशोधन बिल की सच्चाई- नड्डा

  
Last Updated:  December 22, 2019 " 02:56 pm"

इंदौर : ‘नागरिकता संशोधन कानून’ पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर आए विस्थापितों को भारत की नागरिकता देने के लिए है। इस कानून से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता पर कोई आंच नहीं आएगी। यह कानून नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं। कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक समुदाय विशेष के लोगों को उकसाने का काम कर रही है। उसने सदैव वोटबैंक की राजनीति को देश से ऊपर रखा है। आज भी वो यही कर रही है।
ये बात बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कही। वे रविवार दोपहर बीजेपी की स्थानीय इकाई द्वारा आयोजित आभार सम्मेलन में बोल रहे थे। नागरिकता संशोधन कानून बनाकर विस्थापितों को नागरिकता का अधिकार देने के एवज में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार जताने के लिए यह सम्मेलन चोइथराम मंडी के समीप स्थित शुभकारज गार्डन में आयोजित किया गया था।

नेहरू-गांधी, मनमोहन ने किया था नागरिकता देने का समर्थन।

जेपी नड्डा ने दावा किया कि नेहरू, गांधी प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के समर्थक थे। 1950 में नेहरू- लियाकत समझौता हुआ था। उसमें दोनों देशों में अल्पसंख्यकों और उनके अधिकारों का संरक्षण करने की बात कही गई थी। भारत में तो अल्पसंख्यक खूब फले-फुले। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ लेकिन पाकिस्तान व बांग्लादेश कालांतर में इस्लामिक स्टेट बन गए। दोनों ही देशों में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार होने लगे। उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया जाने लगा। नतीजा ये हुआ कि दोनों ही देशों में हिन्दू आबादी तेजी से घटती गई। पीड़ित लोग शरणार्थी बनकर भारत आ गए। उन्हीं विस्थापितों को नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया गया। हम किसी की नागरिकता ले नहीं रहे बल्कि दे रहे हैं। श्री नड्डा ने कांग्रेस के विरोध पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2003 में संसद में भाषण देते हुए पाकिस्तान से आए विस्थापितों को भारत की नागरिकता देने की पैरवी की थी। श्री नड्डा ने कांग्रेस को धर्म के आधार पर देश के बंटवारे के लिए भी जिम्मेदार ठहराया।

इच्छाशक्ति और जनता की ताकत से ये संभव हुआ।

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने विस्थापितों की कभी सुध नहीं ली। उनमें वो इच्छाशक्ति ही नहीं थी कि कानून बना सके। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने वो इच्छाशक्ति दिखाई। उनकी रणनीति और जनता ने मई में जो जनादेश दिया था उसकी ताकत की बदौलत ही नागरिकता संशोधन कानून बन सका। ये मोदी- शाह की इच्छाशक्ति थी कि कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई। अब वहां देश के सारे कानून लागू होने लगे हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि ट्रिपल तलाक को लेकर भी भ्रम फैलाया गया था जबकि यह तमाम इस्लामिक देशों में बैन है। मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम बहनों को उससे आजादी दिलाई।

राहुल की समझ, क्षमता, योग्यता पर खड़े किए सवाल।

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की समझ, योग्यता और क्षमता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने सवाल किया कि क्या राहुल गांधी ने विभाजन का इतिहास पढा है ? उनके बयानों से नहीं लगता कि उन्हें इस बारे में कुछ पता है। दूसरा सवाल उन्होंने किया कि क्या राहुल गांधी कभी विस्थापितों के केम्पों में गए हैं..? उनका दुख- दर्द जानने की कोशिश की है..? श्री नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी को नागरिकता संशोधन कानून की जानकारी नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि राहुल गांधी नागरिकता संशोधन कानून के बारे में 10 लाइन बोलकर बताएं। श्री नड्डा ने राहुल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने एक हफ्ते से जारी हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए जा रहे नुकसान की निंदा तक नहीं की। श्री नड्डा ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि जो लोग देश का मर्म नहीं जानते वे राजनीति में है।

नागरिकता कानून की सच्चाई घर- घर जाकर बताएंगे।

जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता घर- घर जाएंगे और लोगों को कानून की सच्चाई से अवगत कराएंगे। श्री नड्डा ने लोगों से आग्रह किया कि वे जागरूक हों और कांग्रेसी नेता वोट लेने आए तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाए। इस मौके पर लोगों ने हाथ उठाकर नागरिकता संशोधन बिल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

सम्मेलन को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व सीएम शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी संबोधित किया।

विस्थापितों ने सुनाई अत्याचारों की दास्तान।

आभार सम्मेलन में उपस्थित ज्यादातर लोग सिंधी समाज से जुड़े थे। इनमें सैकड़ों की संख्या में वे शरणार्थी भी शामिल थे जो पाक में अपना सबकुछ गंवाकर यहां आकर रह रहे हैं। सांसद शंकर लालवानी के बुलावे पर मंच पर पहुंचे इन शरणार्थियों ने जब पाकिस्तान में उनके व परिवार के साथ हुए जुल्मों की दास्तां बयां की तो श्री नड्डा सहित तमाम लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। एक के के बाद एक विस्थापितों ने अपनी पीड़ा बताई तो माहौल बेहद भावुक हो गया। एक महिला अपनी बेटियों की अस्मत बचाने की खातिर भारत आ गई। उसने बताया कि वह अपनी बेटियों के साथ सिलाई कर गुजारा करती है। बेटियां पढ़ाई भी नहीं कर पाई। एक दिव्यांग भी अपनी दो बेटियों के साथ मंच पर आया और पाकिस्तान में अपने ऊपर हुए अत्याचारों की दास्तां सुनाते रो पड़ा। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा कुर्सी से उठकर उसके पास पहुंचे और उसे सांत्वना दी। इस मौके पर एक लघु फ़िल्म भी दिखाई गई जिसमें पाकिस्तान में हिन्दू, सिख व अन्य अल्पसंख्यकों पर किये गए अत्याचार, जबरिया धर्म परिवर्तन और बेटियों के अपहरण की भयावह तस्वीर उजागर की गई थी।
सांसद शंकर लालवानी ने भी स्वागत भाषण देते हुए कहा कि वे बरसों से पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए लोगों की लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के ही मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वहां के धार्मिक, राजनीतिक नेता, सरकार, सेना और यहां तक कि न्यायपालिका भी अल्पसंख्यकों के दमन में जुटी है।

सिंधी, सिख समाज और विस्थापितों ने किया स्वागत।

नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए सिंधी समाज ने श्री नड्डा को सिंधी टोपी पहनाकर उनका सम्मान किया, वहीं सिख समाज ने सिरोपा व प्रतीक स्वरूप तलवार भेंट कर श्री नड्डा का अभिनंदन किया। विस्थापित लोगों ने भी श्री नड्डा का सम्मान कर नागरिकता प्रदान करने वाला कानून बनाने पर उनका शुक्रिया अदा किया।इस दौरान कार्यक्रम स्थल आयोलाल- झूलेलाल और वंदे मातरम के नारों से गूंजता रहा।

मंच पर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, विक्रम वर्मा, शहर अध्यक्ष गोपी नेमा, जिला अध्यक्ष अशोक सोमानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला आकाश विजयवर्गीय, उषा ठाकुर, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता व अन्य नेता मौजूद थे। बीजेपी की स्थानीय इकाई की ओर से राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्वागत करने के साथ उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किये गए।

बंटवारे के दौरान विस्थापन की विभीषिका दर्शाती चित्र प्रदर्शनी।

कार्यक्रम स्थल शुभकारज गार्डन में 1947 में देश के बंटवारे के दौरान हुए विस्थापन की विभीषिका को दर्शाते चित्र भी प्रदर्शित किए गए थे। श्री नड्डा ने इस चित्र प्रदर्शनी को देखा। अपने संबोधन में भी उन्होंने इसका उल्लेख किया।

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