इंदौर : स्वामी विवेकानंद की जयंती पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के समर्थन में रविवार को भारत सुरक्षा मंच द्वारा दशहरा मैदान पर आयोजित सभा ने इतिहास रच दिया। इसे तिरंगा यात्रा नाम दिया गया था।
हाथों में तिरंगा थामें लाखों लोग सभा स्थल पहुंचे और सीएए के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की। इसमें हर धर्म, वर्ग और समाज के लोगों ने अपनी भागीदारी जताई। सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने भी सभास्थल पर बने मंच से जनता की आवाज को परवान चढाया। चारों ओर वन्देमातरम और भारत माता की गूंज के साथ तिरंगा लहराता दिखाई दिया। इतनी बड़ी तादाद में जनसमूह उमड़ने के बावजूद पूरा कार्यक्रम बेहद अनुशासित रहा।
परिवार सहित पहुंचे लोग।
दोपहर 12 बजे से ही लोग सीएए के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए परिवार सहित दशहरा मैदान पहुंचने लगे थे। बच्चे, बुजुर्ग,महिला, पुरुष और युवाओं के जत्थे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता का जयकारा लगाते हुए सभास्थल पहुंच रहे थे। चारों दिशाओं से लोग दशहरा मैदान की ओर चले आ रहे थे। तिरंगे के साथ सीएए के समर्थन में पोस्टर भी लहराए जा रहे थे। महिलाओं, युवतियों में भी जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा था। धर्म, जाति और संप्रदाय से परे यहां हर व्यक्ति एक भारतीय के बतौर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था। सभी के दिल में राष्ट्रवाद का जज्बा हिलौरे मार रहा था। सैकड़ों लोगों का एक जत्था हाथों में कई मीटर लंबा तिरंगा लिए कार्यक्रम स्थल पहुंचा। हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समाज के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने भी बड़ी तादाद में सीएए दशहरा मैदान आकर सीएए का समर्थन किया। शहर के तमाम सामाजिक संगठनों ने भी सीएए के समर्थन में उमड़े जनसैलाब में अपना योगदान दिया। दशहरा मैदान में पैर रखने की जगह नहीं थी,हजारों लोग मैदान के चारों ओर तिरंगे के साथ मौजूद थे। ऐसा लग रहा था मानों कोई राष्ट्रीय उत्सव मनाया जा रहा हो, जिसमें अपनी भागीदारी जताने सारा शहर उमड़ पड़ा हो।
महापुरुषों की वेशभूषा में आए बच्चे।
अपने परिजनों के साथ आए बच्चे महापुरुषों की वेशभूषा धारण किये हुए थे। कोई झांसी की रानी के वेशभूषा में था तो कोई भगतसिंह की। भारत माता की वेशभूषा में भी अनेक बच्चे दिखाई दिए। महिलाएं भी सिर पर साफा बांध तिरंगा थामें वन्देमातरम का नारा लगा रहीं थीं। पीएम नरेंद्र मोदी की वेशभूषा में पहुंचे युवा आकर्षण का केंद्र बने रहे। स्वामी विवेकानंद, बाबासाहब अम्बेडकर, महात्मा गांधी और सरदार पटेल की झांकियों के साथ भी सैकड़ों लोगों का हुजूम दशहरा मैदान पहुंचा।
देशभक्ति गीतों से गूंजता रहा मैदान।
दोपहर ठीक 2 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। भारत माता के जयकारे और वन्देमातरम की सामूहिक गूंज के बाद देशभक्ति गीतों का सिलसिला शुरू हुआ। अपार जनसमूह देशभक्ति गीतों पर झूमते हुए अपने उल्लास को अभिव्यक्त कर रहा था। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी देशप्रेम का तराना गाकर माहौल में जोश भर दिया। महापौर मालिनी गौड़, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, आकाश विजयवर्गीय सहित तमाम पदाधिकारी, नेता व कार्यकर्ता भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे। इस दौरान सीएए के समर्थन में सामूहिक रूप से आवाज भी बुलन्द की गई। अंत में सामूहिक राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
ये साधु- संत नजर आए मंच पर ।
जैन साध्वी महासती आदर्श ज्योति ठाणा, संतश्री माधवदासजी महाराज, संतश्री ऐश्वर्या नंद महाराज, केसर दस्तूर महाराज, पारसी धर्मगुरु एस पास्टर, महंत रघुनंदन दास, दादू महाराज, संतश्री कमल उदासजी, श्रीकृष्ण शर्मा, कबीरपंथी श्री मोहंती सहित अन्य सन्त मंच पर विराजमान थे। इसी के साथ पुनीता नेहरू, अमय खुरासिया, अनिल नाहटा, जसबीर सिंह गांधी, पीयूष नाहर और विमल नाहर को भी विभिन्न समाज और वर्गों के प्रतिनिधि के बतौर मंच पर स्थान दिया गया था। पूरे मैदान को 9 खंडों में बांटा गया था। भारत माता और महापुरुषों के कटआउट व पोस्टर जगह- जगह लगाए गए थे।
घर- घर लहराया तिरंगा।
महूनाका से दशहरा मैदान तक पूरा मार्ग तिरंगे झंडे से पटा था। घरों, दुकानों और बहुमंजिला इमारतों पर भी तिरंगे झंडे लहराए गए। विभिन्न समाजों के साथ स्थानीय रहवासियों ने भी जगह- जगह लोगों को पानी पिलाने का इंतजाम किया था।
बेहद अनुशासित रहा कार्यक्रम।
भारत सुरक्षा मंच के बैनर तले सीएए के समर्थन में आयोजित यह कार्यक्रम लाखों लोगों की भागीदारी के बावजूद बेहद अनुशासित और शांतिपूर्ण रहा।कहीं कोई अव्यवस्था नहीं हुई। इसके जरिये उन राजनीतिक दलों और हिंसक तत्वों को करारा जवाब दिया गया जिन्होंने सीएए का विरोध करते हुए भारी आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की थी।