इंदौर : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि युवाओं को बिना स्वार्थ के राजनीति में आना चाहिए। आज मुझे क्या मिलेगा नामक एम. के. सिंड्रोम से राजनीति दूषित हो रही है। दिग्विजय सिंह मल्हार आश्रम के पूर्व शिक्षक 95 वर्षीय
सहदेव वाजपेयी के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि वह पीढ़ी दुर्लभ है जो संस्कारवान युवाओं को तैयार करती थी। उन्होंने श्री वाजपेयी के कृतित्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सैनिक भी रहे और सैनिक से शिक्षक बने। उन्होंने पठानकोट से जम्मू तक सड़क निर्माण के लिए पदयात्रा की। सेना में रहे और वही सैन्य अनुशासन मल्हार आश्रम के विद्यार्थियों में भी लाए। जीवन मे अनुशासन के लिए श्री वाजपेयी जैसे शिक्षकों की जरूरत पर दिग्विजयसिंह ने बल दिया।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेश जोशी ने समारोह में कहा कि इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में मेरा एडमिशन सहदेव वाजपेयी की बदौलत ही हुआ। मल्हाराश्रम स्कूल की साख को पुनर्स्थापित करने में श्री वाजपेयी का बड़ा योगदान रहा।
जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि एक शिक्षक के सम्मान में सभी दलों, वर्गों और बुद्धिजीवियों की उपस्थिति देखकर वे अभिभूत हैं। ऐसा सम्मान समारोह विरले ही देखने को मिलता है।
मल्हार आश्रम के पूर्व छात्र एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सहदेव वाजपेयी जैसे शिक्षकों की फटकार के कारण ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
पूर्व शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने इस अवसर पर कहा की मल्हार आश्रम में गुरुवर सहदेव वाजपेयी और के.पी. दुबे जी जैसे शिक्षकों ने हमें दिशा दी, तभी आज हम ऐसे मुकाम पर खड़े हैं। सत्यनारायण सत्तन ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक की पूंजी चाक और डस्टर होती है, वे एक बार लिख कर पुन: मिटाते हैं और नया सृजन करते हैं।
समारोह में श्री सहदेव वाजपेयी का शॉल, श्रीफल और मानपत्र भेंटकर सम्मान किया गया। मल्हाराश्रम के पूर्व छात्रों ने भी कतारबद्ध होकर श्री वाजपेयी को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर, श्रीमती अमृता सिंह, कृपाशंकर शुक्ला, श्रीमती अर्चना जायसवाल, प्रमोद टंडन, विनय बाकलीवाल, अनिल शुक्ला सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
जीवन में अनुशासन के लिए अनुशासित शिक्षक का होना जरूरी- दिग्विजयसिंह
Last Updated: February 16, 2020 " 05:44 pm"
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