दुष्कर्म के प्रकरणों में दो युवकों को दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास

  
Last Updated:  February 2, 2017 " 05:58 am"

रतलाम,30 जनवरी। जिला न्यायालय में सोमवार को दुष्कर्म के प्रकरणों में दोषी पाये गये दो युवकों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास और अन्य दंडों से दंडित किया गया। दोनों मामले नाबालिग युवतियों के साथ अपहरण कर दुष्कर्म करने के थे।
जिला अभियोजन अधिकारी सिराज खान ने बताया कि प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मसूद एहमद खान ने दौलत पुरा थाना शिवगढ निवासी दिनेश पिता रमेश मईडा उम्र 22 वर्ष को भादवि की धारा 376(2) (एन) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 3 हजार रूपए अर्थदंड, धारा 363 के तहत 4 वर्ष सश्रम कारावास व पांच सौ रूपए अर्थदंड तथा धारा 506 भाग-2 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो सौ रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी ने 14 जून 2016 को शिवगढ बस स्टेण्ड से पीडिता को जबरन शिवगढ-सैलाना रोड पर ले जाकर दुष्कर्म किया था।
इसी तरह द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सत्येन्द्र जोशी ने मोती नगर रतलाम निवासी सुनील पिता जगदीश डामर उम्र 28 वर्ष को लैगिंक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम की धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 के तहत दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपए के अर्थदंड तथा भादवि की धारा 366 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच सौ रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह आरोपी 14 मार्च 2016 को ईश्वर नगर में बुआ के यहां रूकी पीडिता को अपहरण कर चितौडगढ ले गया था और वहां उसे रखकर दुष्कर्म किया। दोनों प्रकरणों में अभियोजन पक्ष की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री खान द्वारा की गई।

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