इंदौर : आचार्यश्री विद्यासागरजी के सान्निध्य में जबलपुर में संचालित पूर्णआर्यू आयुर्वेदिक चिकित्सालय व अनुसंधान विद्यापीठ के चिकित्सक डाक्टर गौरव विलासकांत शाह का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव व उपचार आयुर्वेद से सम्भव है।डॉ. शाह के मुताबिक इस संक्रमण पर किये गए शोध के बाद बचाव व उपचार का कारगर तरीका ईजाद किया गया है। इस विधि अनुसार उपचार किया जाता है तो क़ोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति ठीक हो सकता है।। इस औषधि को हर व्यक्ति घर में बना कर सेवन करेगा तो उसे भी कोरोना संक्रमण नहीं होगा।
ये है विधि।
विधि इस तरह है, नीम गिलोय १ चम्मच, तुलसी ५ पत्ती, चिरायता १/४ चम्मच, श्यामा हल्दी १/४ चम्मच, सोंठ १/४ चम्मच, लोंग बिना फूल के एक, काली मिर्च तीन पीसी हुई, १ छोटी इलायची। इन सभी के चूर्ण को एक गिलास पानी में डाल कर इतना उबालना है कि वो आधा गिलास बचे। उसके बाद सुबह शाम ख़ाली पेट उसका सेवन करना है। यदि किसी बच्चे को ये रोग है तो इस औषधी की मात्रा आधी करना होगी। इसके सेवन से किसी को भी क़ोरोना वायरस नहीं होगा।
इस औषधी को लेते समय ये परहेज़ जरूरी।
ब्रह्मचारी रोहित भैया और ब्रह्मचारी आशीष भैया ने बताया कि आचार्य श्री के आदेशानुसार इस औषधि के सेवन करने वाले मरीज़ को परहेज़ में अंडे सहित सम्पूर्ण तरह के मांसाहार, मदिरा, तम्बाकू, फ़ास्ट फ़ूड़ और सभी पेक्ड फ़ुड़ जिनमे कोल्ड्रिंक्स भी शामिल है, इनका सेवन नहीं करना है। यदि कोई व्यक्ति परहेज़ नहीं करेगा तो उसे बीमारी से राहत नहीं मिलेगी। शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए ये करे। इस औषधि का सेवन करने के साथ प्राणायाम भी जरुरी है। इसमें भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भाती, भरामरी प्रतिदिन ३० मिनिट तक शुद्ध हवा में करना चाहिए।
नोट : कोरोना संक्रमण से बचाव या उपचार को लेकर कोई भी औषधि लेने के पूर्व सम्बन्धित थेरेपी के डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।