सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता थे डॉ. मुखर्जी- मोघे

  
Last Updated:  July 6, 2020 " 10:29 am"

इंदौर : भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के पितृ पुरुष, जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसादजी मुखर्जी की 119 वीं जयंती पर नमन करते हुए उन्हें याद किया।
शनिवार को विजयनगर चौराहा स्थित डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे, संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, मधु वर्मा, उमेश शर्मा, जे पी मूलचंदानी, गणेश गोयल, कमल वाघेला, जयदीप जैन, अभिषेक बबलू शर्मा, संदीप दुबे, मुकेश मंगल, सतपालसिंह खालसा, मनस्वी पाटीदार, प्रकाश राठौर, राजेश शिरोड़कर, मुन्नालाल यादव, बृजेश शुक्ला, सुरेश कुरवाड़े, पिंटू चौधरी सहित अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद डॉ. मुखर्जी की देन।

इस अवसर पर कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर केंद्रित जनसंघ और आज की भाजपा डॉक्टर मुखर्जी की ही दूरदर्शिता का परिणाम है। डॉ श्यामाप्रसादजी मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता के एक साधारण परिवार में हुआ था। डॉ. मुखर्जी एक ऐसे धर्मनिष्ठ, न्यायप्रिय और राष्ट्रभक्त माता-पिता की संतान थे, जिनकी प्रसिद्धि न केवल बंगाल बल्कि संपूर्ण भारत में थी। धर्म एवं संस्कृति के प्रति आदर और राष्ट्रीयता की प्रेरणा उन्हें अपने माता पिता से ही मिली थी। डॉ मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
श्री मोघे ने कहा कि 1947 में भारत के विभाजन के प्रस्ताव का डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने विरोध किया था। वे देश का विभाजन नहीं होने देना चाहते थे। इसके लिए वे महात्मा गांधीजी के पास भी गए थे, जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरू विभाजन के पक्ष में थे। स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में डॉ. मुखर्जी दक्षिण कोलकाता संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद चुने गए थे।
संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा ने कहा कि डॉ श्यामाप्रसादजी मुखर्जी के विचार अमूल्य और हम सब के लिए एक धरोहर है। उस समय डॉ मुखर्जी ने देश के विभाजन का विरोध किया। उसके बाद जब कश्मीर में धारा 370 तात्कालीन प्रधानमंत्रीे द्वारा लगाई जा रही थी तब उसका भी विरोध करने वाले पहले सच्चे देशभक्त डॉ. मुखर्जी थे।
केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद् थे। डॉ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतवादी थे।
नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक, महान देशभक्त, समर्पित राष्ट्रवादी और महान विचारक डॉ श्यामाप्रसादजी मुखर्जी की जयंती पर हम सभी देशभक्तों के साथ उन्हें नमन करते हैं। समतामूलक समाज व अखंड भारत की संकल्पना के पोषक डॉ. श्यामाप्रसादजी मुखर्जी के विचार “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण में अत्यंत अनुकरणीय हैं।
कार्यक्रम का संचालन नगर उपाध्यक्ष कमल वाघेला ने किया, एवं अंत में आभार मंडल अध्यक्ष सतपालसिंह खालसा ने माना।

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