इंदौर : परशुराम महासभा की जिला इकाई की मेजबानी में आयोजित दो दिवसीय ब्राह्मण महाकुम्भ के अंतिम दिन अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। वहीं कई संकल्प भी उपस्थित विशाल जनसमूह की मौजूदगी में लिए गए। ऐसे 9 प्रस्ताव व संकल्प महाकुम्भ में मंजूर किये गए जो समाज सुधार की दृष्टि से बेहद उपयोगी और अहम हैं। इनमें
1. समाज में मृत्यु भोज की प्रथा पूरी तरह समाप्त की जाए।
2.बिखरते परिवारों को बचाने के लिए सामाजिक पंचायत के जरिये मध्यस्थता की जाए।
3. बाहर से इंदौर में शिक्षा ग्रहण करने आनेवाली विप्र समाज की बेटियों के लिए सर्वसुविधायुक्त हॉस्टल का निर्माण किया जाए।
4. उठावने में मन्दिर जाने की प्रथा को बंद कर केवल शोक बैठक का आयोजन किया जाए।
5. अंतिम संस्कार में लकड़ी की जगह गोबर के कण्डों का उपयोग करने और
6. भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव को तीर्थ घोषित करने सहित अन्य प्रस्ताव शामिल थे।
इसी के साथ पंचांगों में हिन्दू तिथियों की भिन्नता को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के समक्ष दोनों पक्षों की बात रखकर उनके निर्णय को शिरोधार्य करने का निर्णय भी लिया गया।
इस मौके पर राजगिरी महाराज नागा बाबा ने देवगुराड़िया के समीप 6 बीघा जमीन समाज को दान देने की घोषणा की।
महिला सशक्तिकरण पर हुआ उपयोगी सत्र।
महाकुम्भ के दूसरे और अंतिम दिन समाज की बालिकाओं द्वारा दी गई मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद महिला सशक्तिकरण को लेकर उपयोगी सत्र आयोजित हुआ। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा, भागवताचार्य रुक्मणि देवी, समाजसेवी ग्रीष्मा त्रिवेदी और पल्लवी व्यास की मौजूदगी में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनके उत्थान को लेकर अनेक सुझाव रखे गए। समाजसेवी राधेश्याम शर्मा गुरुजी और दबंग-3 की सहायक निर्देशिका अदिति शर्मा सहित अन्य अतिथियों ने भी समाज की महिलाओं को आगे बढाने को लेकर उपयोगी बातें रखीं।
हिंदुत्व की रक्षा ब्राह्मण ही कर सकते हैं।
महाकुम्भ के समापन सत्र में राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा, विधायक रवि जोशी, रमेश मेंदोला, कैलाश पांडे, पूर्व विधायक जीतू जिराती, प्रोफेसर पीएन मिश्र इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी और राजगिरी महाराज नागा बाबा अतिथि के बतौर मौजूद रहे। अतिथियों ने देश में हिन्दू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए ब्राह्मण समाज को आगे आने का आह्वान किया। संस्कृति और संस्कारों को बचाने की महती जिम्मेदारी ब्राह्मण समाज पर होने की बात भी इस दौरान कही गई।
बाद में महाकुम्भ के सफल आयोजन में अहम योगदान देने वाले संगठनों और सहयोगियों को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया।
अतिथियों का आयोजकों की ओर से स्वागत परशुराम महासभा के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, महाकुम्भ के संयोजक संजय मिश्रा, पूनम मिश्रा, गोविन्द शर्मा, शुभांगी पारुलकर, मोनिका शर्मा, वर्षा शर्मा, शैलेन्द्र जोशी, अनिता व्यास, प्रवीणा अग्निहोत्री आदि ने किया। संचालन धरणी धरण मिश्र ने किया। आभार संजय मिश्रा ने माना। दोनों दिन हजारों की संख्या में विप्र बन्धुओं ने महाकुम्भ में शिरकत की।