इंदौर : सूचना का अधिकार आंदोलन के बैनर तले आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के जरिए शासन- प्रशासन पर सनसनीखेज आरोप लगाए।अजय दुबे ने बताया कि बीते मार्च माह की समाप्ति से दो दिन पूर्व तक इंदौर के एम.टी.एच., एम.आर.टी.बी. हाॅस्पिटल और चेस्ट सेन्टर में इलाज के लिये भर्ती 250 से अधिक मरीजों की मृत्यु हो गई थी लेकिन इन्हें कोरोना मरीज या कोरोना संदिग्ध मरीज नहीं माना गया। उन्होंने पत्रकार वार्ता में ऐसे मृतकों की सूची भी सार्वजनिक की।
प्रशासन ने छुपाए मौत के आंकड़े।
श्री दुबे ने कहा कि इंदौर में कोरोना मरीजों और मृतकों के मामले में अमानवीय और आपराधिक रवैया अपनाते हुए प्रशासन ने पहले मौत के आंकड़े छुपाए और अब उन पर पर्दा डाल दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों का कोरोना टेस्ट भी नहीं किया गया। श्री दुबे ने कहा कि इंदौर के अन्य रेड कैटेगरी के निजी हाॅस्पिटलों में भी ऐसी मौतों को छुपाया गया है, जिन्हें जल्द उजागर किया जाएगा।
15 मरीजों ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम।
आरटीआई एक्टिविस्ट श्री दुबे ने आरोप लगाया कि मेडिकल काॅलेज के अधीन उपरोक्त तीनों अस्पतालों में करीब 15 मरीजों की मौत इलाज के अभाव में हो गई। इन मरीजों को गंभीर अवस्था में होने के बावजूद हाॅस्पिटल प्रबंधन और चिकित्सकों द्वारा एडमिट नहीं किया गया। उन्होंने हाॅस्पिटल की चौखट पर दम तोड़ दिया। श्री दुबे ने इंदौर के नागरिकों से भी अपील की है कि कोरोना काल में मरीजों की मौत पर पर्दा डालने और मौत के कारणों को जबरदस्ती बदलवाने की खुलकर शिकायत करें । यह शिकायत ajay20dubey@gmail.com पर की जा सकती है।
डेथ ऑडिट के लिए बाहरी अधिकारी और चिकित्सकों की बनाई जाए कमेटी।
सूचना का अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पुनः पत्र लिख कर इंदौर में कोरोना प्रबंधन पर सवाल खड़े करते हुए तत्काल प्रभाव से दखल देने की मांग की है। श्री दुबे ने बताया कि प्रदेश सरकार डेथ ऑडिट के मामले में बहुत विलम्ब से जागी। इंदौर सहित अनेक जिलों में जून माह में डेथ ऑडिट कमेटी गठित की गयी। श्री दुबे ने कोरोना काल में हुई मौतों के डेथ ऑडिट के लिए इंदौर के बाहर के चिकित्सक एवं अधिकारियों की नई कमेटी बनाने का अनुरोध भी सरकार से किया। श्री दुबे ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए, जिसका फिलहाल अभाव है।
कलेक्टर मनीष सिंह को हटाए सरकार।
श्री दुबे ने मुख्यमंत्री को सूचित करते हुए लिखा कि इंदौर के सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने मीडिया में बयान दिया था कि कोविड हॉस्पिटल कोरोना डेथ के आंकड़े समय पर नही बताते हैं। ये बयान जिला प्रशासन इंदौर की असफलता को साबित करता है।उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को इंदौर से तत्काल हटाकर डेथ ऑडिट कराने की मांग सीएम शिवराज से की है।