मुम्बई : राजकपूर द्वारा 70 साल पहले शुरू की गई गणेशोत्सव मनाने की परंपरा आरके स्टूडियो के बिकते ही बंद हो गई। कपूर परिवार ने ही परम्परा को जारी रखने में असमर्थता जताई है। आरके स्टूडियो का गणेशोत्सव मुम्बई के फेमस गणेशोत्सव में गिना जाता रहा है। हजारो लोग यहां बप्पा के दर्शनों के लिए पहुंचते थे। विसर्जन जुलूस में भी कपूर परिवार के लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।
ये बताई जा रही है वजह।
सूत्रों के मुताबिक आरके स्टूडियो के बिकने के बाद ऐसी कोई बड़ी जगह कपूर परिवार के पास नहीं बची है जहां भव्यता के साथ गणेशोत्सव मनाया जा सके। इसलिए उन्होंने इसे बंद करने का फैसला लिया। हालांकि लोग इस फैसले को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि छोटे स्वरूप में ही सही पर बप्पा का उत्सव मनाने की परंपरा जारी रखी जानी चाहिए थी।
गोदरेज समूह ने खरीदा है आरके स्टूडियो।
बताया जाता है कि राजकपूर ने 1948 में आरके स्टूडियो की स्थापना की थी। तभी से गणेशोत्सव मनाने की परंपरा भी यहां शुरू हो गई थी। आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर और राम तेरी गंगा मैली सहित कई फिल्मों और टीवी सीरिअल्स का निर्माण यहां हुआ था। पृथ्वी थिएटर की गतिविधियां भी यहां संचालित होती थी। वर्ष 2017 में आग लगने से आरके स्टूडियो का बड़ा हिस्सा जल गया था। इसके बाद कपूर परिवार ने इसे गोदरेज प्रॉपर्टीज को बेच दिया। स्टूडियो तोड़कर अब वहां हाइराइज बिल्डिंग्स और शॉपिंग काम्प्लेक्स के निर्माण की तैयारी की जा रही है।