सूबेदार उज़्मा खान ने जोशीली कविता सुनाकर बढाया पुलिसकर्मियों का मनोबल ।
इन्दौर : वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न विकट स्थिति में पुलिस बेहद चुनौतीपूर्ण एवं कठिन ड्यूटी कर रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आईजी विवेक शर्मा ने पुलिस के मनोबल को बढ़ाने की पहल की है।खुद गीत गाकर सिपाहियों की हौंसला अफजाई करने के बाद प्रतिदिन तमाम पुलिसकर्मी एक साथ 2 मिनट के लिये रेडियो मैसेज के जरिये एक दूसरे से जुड़कर अपनी रचनात्मक कविता/गीत/अच्छे प्रसंग आदि को साझा करें, इसके लिये उन्हें प्रेरित किया है।
इसी कड़ी में यातायात पश्चिम में पदस्थ सूबेदार उज्मा खान ने उत्साह बढ़ाने वाली जोशीली कविता सुनाई। कविता कुछ इस तरह थीं।
*है घनघोर अंधेरा संकट के बादल छाए हैं।*
*वार हो हम पर पहला, लो हम अपनी छाती लाए हैं।*
*है युद्ध यह अलग किस्म का, अलग हमारी ढाल है।*
*लॉक डाउन ही है एक चारा, गलियों में फिरता काल है।*
*है संपूर्ण जगत में अंधियारा, विपदा कैसी आई है..!*
*पर करने को इंदौर सुरक्षित, राजवाड़ा पर विराजी अहिल्या माई है।*
*चौक पर खड़ा हर जवान शिवाजी और राणा सांगा है।*
*रक्त नहीं नसों में दौड़ता जनसेवा का राँगा है।*
*तीर अलग, तलवार अलग, अलग हमारा भाला है।*
*इंदौर तुम बेफिक्र रहो सड़कों पर तैनात तुम्हारा रखवाला है।*
*लेटे हैं यमरथ के पहियों के आगे, इंदौर नहीं घुसने देंगे।*
*सौगंध हमें इस मिट्टी की हम देश नहीं झुकने देंगे।*
सकारात्मकता से भरी ओजपूर्ण व जोशीली कविता सुनाने पर आईजी विवेक शर्मा ने सूबेदार उज्मा खान की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक हजार रूपये के नगद इनाम से पुरस्कृत किया।