इंदौर : दिगम्बर जैन समाज के सबसे बड़े संत आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने मंगलवार को उदासीन आश्रम में प्रवचन दिए। ब्रह्मचारी सुनील भैया के मुताबिक आचार्यश्री ने कहा कि इंदौर में हम 2 माह से प्रवास कर रहे हैं। हमें स्वप्न जैसा लग रहा है क्योंकि इतना दीर्घकालीन प्रवास तो नहीं हो पाता लेकिन कहाँ कहाँ ये गलियां बनी हैं, महाराज यहाँ से, यहाँ से आप जहां विहार कर गए थे न वह सिर्फ डेढ़ ही किलोमीटर है। कुछ ऐसे ही नगर बन जाते हैं जो घुमा देते हैं। समवशरण में भी इसी प्रकार 12 सभाए लगती हैं।तो ऐसे घुमाते रहते हैं, लेकिन वह घुमावदार नहीं लगता क्योंकि केवली में जो प्रभु बैठे हैं, हम जब भी उनकी ओर देखो हमारी ओर ही देखते हैं।जब ऐसा भाव होता है तब द्रव्य अपने आप ही गौण हो जाता है।
*आहार का सोभाग्य बीड़ी वाले परिवार को मिला*
ब्रह्मचारी सुनिल भैया और मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने बताया की मंगलवार को आचार्य श्री के आहार का सौभाग्य सुंदरलाल, नरेंद्र कुमार, आज़ाद कुमार जैन बीड़ीवाले परिवार को मिला। पाद प्रक्षालन का लाभ रानी अशोक डोसी, मनोज बाकलीवाल, अर्पित पाटोदी परिवार को मिला। महापूजन का सोभाग्य कंचनबाग, साउथ तुकोगंज समाज के महिला मंडल को मिला। दयोदय ट्रस्ट के ट्रस्टी सचिन जैन, मनीष नायक द्वारा प्रतिभा स्थली पर हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी दी गयी। धर्मसभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनिल भैया ने किया। आभार ब्रह्मचारी अभय भैया ने माना।