इंदौर : बिजासन रोड स्थित अविनाशी अखंड धाम आश्रम पर नए वर्ष के पहले दिन, शुक्रवार एक जनवरी से चार दिवसीय 53वा अखिल भारतीय अखंड वेदांत संत सम्मेलन प्रारम्भ होने जा रहा है। सम्मेलन के दौरान चारों दिन कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना तो होगी ही, भक्तों को मास्क, सेनेटाइजर वितरण के साथ कोरोना योद्धाओं का सम्मान भी किया जाएगा। आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चैतन्य स्वरूप के सान्निध्य में सम्मेलन के भव्य मंच पर अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति के दर्शन भी हो सकेंगे। जगदगुरू शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार को दोपहर 3 बजे सम्मेलन का शुभारंभ होगा। संतों के प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक होंगे।
आयोजन समिति के संरक्षक गोपाल सांखला, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, महामंत्री पार्षद दीपक जैन टीनू एवं ठाकुर विजय सिंह परिहार ने बताया कि जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एक जनवरी को सड़क मार्ग से इंदौर आएंगे। उनके मुख्य आतिथ्य में शुभारंभ अवसर पर ‘शिवोहम’ लिखे मास्क का वितरण भी किया जाएगा। वृंदावन के प्रख्यात महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद, मुंबई के चिदध्यानम आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती एवं वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती भी सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। समिति के संयोजक विधायक रमेश मेंदोला के मार्गदर्शन में शनिवार 2 जनवरी को दोपहर 2 बजे सांसद शंकर लालवानी के मुख्य आतिथ्य में कोरोना योद्धाओं का सम्मान होगा। आयोजन समिति की ओर से सांसद लालवानी द्वारा कोरोना काल में किए गए सेवा कार्यों के लिए उनका भी सम्मान किया जाएगा। रविवार 3 जनवरी को म.प्र. साहित्य अकादमी के निर्देशक डाॅ. विकास दवे के मुख्य आतिथ्य एवं पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ एवं संजय शुक्ला के विशेष आतिथ्य में कोरोना से बचाव एवं उपाय पर व्याख्यान के बाद भक्तों को सेनेटाइजर का वितरण किया जाएगा। मंच पर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण सचिन सांखला एवं साथियों ने किया है। सोमवार 4 जनवरी को दोपहर 12 बजे आश्रम के संस्थापक ब्रम्हलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की पुण्यतिथि पर सैकड़ों दीपों से महाआरती के साथ सम्मेलन का समापन होगा।
आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चैतन्य स्वरूप के सानिध्य में विभिन्न समितियों का गठन किया गया है, जिनमें जगदीश गोयल बाबाश्री, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विनोद अग्रवाल, दिनेश मित्तल, विष्णु बिंदल टीकमचंद गर्ग, विनोद सिंघानिया एवं कल्याणमल खजांची के मार्गदर्शन में 20 समितियां बनाई गई हैं। कोरोना त्रासदी के चलते 52 वर्षों के इतिहास में पहली बार सम्मेलन की अवधि 7 दिन के बजाय 4 दिन रखना पड़ रही है। सम्मेलन स्थल पर आने वाले भक्तों को मास्क एवं सामाजिक दूरी के नियम का पालन आवश्यक रूप से करना होगा। आश्रम के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर एवं मेडिकल परीक्षण की व्यवस्था रहेगी। भक्तों को प्रवेश ‘पहले आएं, पहले पाएं‘ के आधार पर ही दिया जाएगा।
सम्मेलन में आने वाले संत – आयोजन समिति के उपाध्यक्ष राजेश गर्ग, शैलेंद्र मित्तल, कोषाध्यक्ष मोहन गर्ग हैदराबादी, व्यवस्थापक चंदगीराम यादव, सचिव सचिन सांखला एवं राजेंद्र मित्तल के अनुसार सम्मेलन में स्वामी जगदीश्वरानंद, रतलाम के स्वामी स्वरूपानंद, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद, महर्षि बालयोगी उमेश नाथ, सोनकच्छ के स्वामी लक्ष्यचंद्र दास, डाकोर के स्वामी देवकीनंदन दास, सारंगपुर की साध्वी भागवताचार्य अर्चना दुबे, स्वामी गजानन महाराज, अमरनाथ से स्वामी अरुण गिरी सहित इंदौर एवं मालवांचल के प्रमुख तीर्थ स्थलों से 40 से अधिक संतों का आगमन होगा। सम्मेलन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
एक जनवरी से प्रारम्भ होगा अखंड वेदांत संत सम्मेलन
Last Updated: December 30, 2020 " 08:55 pm"
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