नोएडा पुलिस को लिखित शिकायत कर लगाई इंसाफ की गुहार।
चैनल प्रबंधन ने आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाय उसे नौकरी से निकाला : पीड़िता ।
नोएडा : कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती हैं पर पीड़ितों की आवाज को बुलंदी देने वाले किसी मीडिया संस्थान में महिला पत्रकार के इस तरह की घटना हो जाए और उसकी गुहार को सुनने की बजाय संस्थान प्रबंधन जलील कर नौकरी से ही हटा दे तो चिंता होना लाजमी है। देश के एक प्रतिष्ठित कहे जाने वाले इलेक्ट्रोनिक मीडिया संस्थान में काम करने वाली महिला पत्रकार (एंकर) का आरोप है कि उसे संस्थान के वरिष्ठों द्वारा किए गए सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायत करना महंगा पड़ गया। उसकी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय उसे मानसिक प्रताड़ना दी गई और शिकायत वापस लेने हेतु दबाव डाला गया। ऐसा नहीं करने पर उसके साथ अभद्रता करते हुए नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया गया। उक्त महिला पत्रकार ने तमाम सोशल मीडिया माध्यमों पर अपने साथ हुए अन्याय को लेकर विस्तृत पोस्ट शेयर की है। उसने पुलिस थाने में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। संबंधित मीडिया संस्थान ने इस बारे में कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है।
जी न्यूज से जुड़ा है मामला।
दरअसल, यह मामला जी न्यूज दिल्ली – एनसीआर से जुड़ा है। इस चैनल में काम करने वाली सीनियर एंकर जीनत सिद्धिकी ने स्वयं सोशल मीडिया के जरिए उन्हें दी गई शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना और अन्याय के बारे में जानकारी दी है। जीनत का आरोप है कि उन्होंने चैनल के एक उच्चाधिकारी द्वारा दी गई शारीरिक प्रताड़ना की शिकायत posh act के तहत की थी। चैनल प्रबंधन से भी उन्होंने इसकी शिकायत की थी लेकिन आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उनपर ही शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया। उन्हें बंधक बनाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, अभद्रता की गई और जबरदस्ती इस्तीफा लिखवाने का प्रयास किया गया। जब उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो ई – मेल भेजकर मनमाने तरीके से नौकरी से हटा दिया गया।
पीड़िता जीनत के अनुसार उन्होंने उन्हें दी गई शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना, अत्याचार और अन्याय की शिकायत नोएडा पुलिस से की है। शिकायत में चैनल के उन अधिकारियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं जिन्होंने उन्हें प्रताड़ना दी और अभद्रता की। जीनत ने अपने साथ हुए अन्याय से पीएमओ, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और महिला आयोग को भी अवगत कराते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है।
उधर संबंधित चैनल की ओर से इस मामले में अभी तक अधिकृत बयान जारी किए जाने की जानकारी नहीं मिली है।
(नोट : यह खबर पीड़िता द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई जानकारी के आधार पर लिखी गई है।)