वित्त वर्ष 2024-25 में डायरेक्ट टेक्स कलेक्शन में 15% उछाल, सरकार ने जुटाए 17.78 लाख करोड़ रुपये।
नई दिल्ली : भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ कर रही है, जिससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ रहा है। आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि सरकार की नीतियां अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सफल हो रही हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में 10 फरवरी तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.69 फीसदी के उछाल के साथ 17.78 लाख करोड़ रुपये रहा है।
पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की इसी अवधि में यह आंकड़ा 15.51 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 21 फीसदी के उछाल के साथ 9.84 लाख करोड़ रुपये रहा है।
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में भी 6% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई और यह 7.78 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है।
शेयर बाजार में बढ़ती हलचल से भी सरकार को बड़ा फायदा हुआ है।
सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स कलेक्शन मौजूदा वित्त वर्ष में 65% बढ़कर 49,201 करोड़ रुपये हो गया है।
इससे साफ है कि लोग शेयर बाजार में ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जिससे सरकार को भी अधिक टैक्स मिल रहा है।
सरकार ने टैक्सपेयर्स को 4.10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के टैक्स रिफंड जारी किए हैं।
यह राशि पिछले साल की तुलना में 42.63% ज्यादा है, जो बताता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब तेजी से रिफंड प्रोसेस कर रहा है।
सरकार ने इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का संशोधित लक्ष्य 22.37 लाख करोड़ रुपये रखा है, जो पहले के 22.07 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से ज्यादा है।
इन्कम टैक्स कलेक्शन का अनुमान – 12.57 लाख करोड़ रुपये।
कंपनी टैक्स का लक्ष्य घटाकर अब 9.80 लाख करोड़ रुपये।
एसटीटी कलेक्शन का अनुमान पहले 37,000 करोड़ था, अब बढ़कर 55,000 करोड़ रुपये कर दिया गया।
इकोनॉमी को कैसे मिलेगा फायदा।
आर्थिक मजबूती : टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी से सरकार के पास बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और वेलफेयर स्कीम पर खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा होगा।
फिस्कल डेफिसिट पर नियंत्रण। सरकार को कम कर्ज लेना पड़ेगा, जिससे बैंकों के पास कंपनियों को लोन देने के लिए ज्यादा फंड रहेगा।
महंगाई पर कंट्रोल : अगर फिस्कल डेफिसिट कम रहेगा, तो महंगाई भी काबू में रहेगी।
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ कर रही है, जिससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ रहा है। इन आंकड़ों से साफ है कि सरकार की नीतियां अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सफल हो रही हैं। बढ़ता टैक्स कलेक्शन, शेयर बाजार में तेजी और रिफंड प्रोसेसिंग में सुधार – ये सभी संकेत हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और आने वाले समय में और बेहतर प्रदर्शन करेगी।