इंदौर : कोरोना संक्रमण के मामले। लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण दर में भी खासा उछाल आया है। इंदौर की ही बात करें तो संक्रमण दर 18 से 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है।बढ़ते संक्रमण के चलते लोगों को कोरोना की चौथी लहर की आशंका भी सताने लगी है। ऐसे में हमने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. वीपी पांडे चर्चा की। उनसे यह जानने का प्रयास किया कि क्या वाकई कोरोना की चौथी लहर की आशंका है..? क्या कोरोना का बढ़ता संक्रमण घातक हो सकता है..? क्या बदलता मौसम इसकी वजह है..?
चौथी लहर की आशंका निर्मूल है।
डॉ. पांडे ने सभी सवालों और जिज्ञासाओं का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कहा कि कोरोना का वेरिएंट हर चार से छह माह में अपना रूप बदल लेता है। वर्तमान में बढ़ रहा संक्रमण इसी का नतीजा है । इससे डरने या घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। यह भी मान लेना की बढ़ता संक्रमण कोरोना की चौथी लहर को जन्म दे सकता है, पूरी तरह गलत है। चौथी लहर की आशंका निर्मूल है। कोरोना की टेस्टिंग अब हर जगह उपलब्ध है।लोग किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों में पहुंचते हैं तो कोरोना टेस्ट भी करवा लेते हैं। ऐसे में 20 -25 फीसदी मरीजों में संक्रमण का पाया जाना सामान्य बात है।
जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है, उनके लिए घातक नहीं।
डॉ. पांडे ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज और प्रिकॉशन डोज लगवा लिए हैं, उनके लिए कोरोना वेरिएंट का कोई भी परिवर्तित रूप घातक नहीं है। सामान्य संक्रमण की तरह यह संक्रमण भी आकर चला जाएगा।इसीलिए अभी तक जितने भी संक्रमण के नए मामले दर्ज हुए हैं, उनमें 99 फीसदी की हालत सामान्य है।
डॉ. पांडे के मुताबिक केवल उन्हीं मरीजों के लिए यह संक्रमण घातक हो सकता है, जिन्होंने या तो वैक्सीन नहीं लगवाया है या जो बीपी, शुगर सहित किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।
बढ़ते संक्रमण का मौसम से कोई लेना – देना नहीं।
डॉ. पांडे ने साफ किया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण का मौसम से कोई संबंध नहीं है। जब भी वेरिएंट अपना रूप बदलता है तो कोरोना के मामले बढ़ने लगते हैं।
वैक्सीन लगवाएं, स्वस्थ्य रहें।
डॉ. पांडे ने कहा कि जिन लोगों ने अभी भी वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे तुरंत लगवा लें। जिन्होंने दो डोज लगवा लिए हैं और 6 से 9 माह बीत चुके हैं, उन्हें प्रिकाशन डोज लगवा लेना चाहिए। अब तो सरकार ने लगभग हर आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की व्यवस्था कर दी है, ऐसे में बढ़ते संक्रमण से घबराएं नहीं, वैक्सीन लगवाएं और अपने भविष्य को सुरक्षित कर स्वस्थ्य जीवन जिएं।