इंदौर : दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्ता थे, आरएसएस के प्रांत सह कार्यवाह विनीत नवाथे।
उन्होंने आजादी कैसे प्राप्त हुई, आजादी का संघर्ष और भारत की आजादी को अगली पीढ़ी को कैसे संभालकर रखा जाए, इस विषय पर अपने विचार रखे। नवाथे ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई 1857 में नहीं बल्कि 1600 ईसवी से ही प्रारंभ हो गई थी। नवाथे ने कहा कि लाखों लोगों की कुर्बानी के बाद ये आजादी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज या मुगल हमारे देश पर कभी पूरा कब्जा नही कर पाए। देश के सभी क्रांतिकारियों की ताकत से आजादी प्राप्त हुई है।
सावरकर के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।
नवाथे ने कहा कि देश के बलिदान का इतिहास लंबा है। स्वातंत्र्य वीर सावरकर के बलिदान को कोई भुला नहीं सकता। उनके पूरे परिवार को प्रताड़ना दी गई पर वो डिगे नही। उनकी सारी संपत्ति राजसात कर ली गई पर उन्होंने हार नही मानी। आज हम 1857 की क्रांति को पड़ पा रहें हैं तो वीर सावरकर जी के कारण। जिस जेल में उन्हें 6 वर्ष रखा उस जेल में उनके भाई भी थे पर यातना की पराकाष्ठा ये थी की उनको ये भी नही पता था की उनका भाई भी इसी जेल में 6 वर्षो से अंग्रेजो की यातना सहन कर रहें है।
देश के इतिहास को कई बार तोड़ा गया और हमे आर्य कहकर देश के बाहर का बताया गया। विनीत नवाथे ने हिंदू किसे कहते है हिंदू की परिभाषा क्या है धर्म और रिलिजन में क्या अंतर है, इसे बहुत ही सुंदर तरीके से स्पष्ट किया अंत में उन्होंने भारत की संस्कृति सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामय की व्याख्या की। कार्यक्रम में दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देशराज जैन, संध्या जैन, डॉक्टर विलास नेवासकर, डॉक्टर अजय परिहार, डॉक्टर मनीष वर्मा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की प्रस्तावना सागर चौकसे ने रखी। संचालन डॉक्टर मनीष वर्मा ने किया और आभार डॉक्टर अजय परिहार ने माना।