इंदौर : गर्भवती पत्नी की जलाकर हत्या करने वाले आरोपी पति को अदालत ने आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा से दण्डित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि न्यायालय आशुतोष शुक्ल, 21 वें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, इंदौर ने थाना आजाद नगर इंदौर के सत्र प्र.क्र. 713/2016 धारा 307, 302, 317, 304-बी, 326 भादवि में निर्णय पारित करते हुए आरोपी संजय उर्फ संजू पिता प्रभु बोडाना उम्र 29 वर्ष उम्र निवासी- संजय नगर केट रोड राऊ जिला इंदौर को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 1000-/ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया अर्थदंड की राशि अदा न करने पर 06 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगते जाने का आदेश दिया गया। इसी तरह धारा 316 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर 06 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश भी दिया गया। उक्त प्रकरण में अभियोजन(शासन) की ओर पैरवी अपर लोक अभियोजक हेमंत कुमार राठौर द्वारा की गई।
अभियेाजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 14.07.2016 को फरियादी कमल ने आजाद नगर थाने पर अभियुक्त संजय के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसने आरोपी संजय से अपनी बेटी रानी की शादी दो साल पहले रीति-रिवाज अनुसार कराई थी। शादी के बाद से आरोपी संजय मेरी बेटी को तकलीफ देता रहता था। एक हफ्ते पहले संजय मेरी बेटी को घर लेकर आया और छोडकर चला गया तभी से वह मेरे घर पर निवास कर रही थी। 13.07.16 को दामाद संजय उसकी अनुपस्थिति में उसके घर आया और झगडा करने लगा एवं रानी को जान से खत्म करने की धमकी दे रहा था। दिनांक 14.07.16 को जब वह (मृतका का पिता) ड्यूटी पर थे तो उनकी बडी बेटी सीमा द्वारा फोन पर बताया कि संजय घर आया है और मृतका को जान से मारने की धमकी दे रहा है। उसने अपनी हाथ में लाई गई बोतल से कुछ डालकर मृतका को आग लगा दी जिससे मृतका जल गई । परिवार के लोग चिल्लाए और बचाने लगे तो संजय बोला कि रानी को जान से खत्म करने के लिए जलाया है। तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड पाओगे और भाग गया। उसके बाद मृतका को एमवाय एच ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृतका के पेट में छह माह का गर्भ भी था, उसकी भी मृतका के जलने के कारण गर्भ में ही मृत्यु हो गई। उक्त सूचना पर से अपराध थाने पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर मामला अदालत में पेश किया गया। जहां से आदेश पारित कर आरोपी को उसके किए अपराध का दंड दिया गया।