देवास : (योगेश विश्नोई) मां नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा एवं आस्था का केन्द्र है, परन्तु वर्षो से इस पर संकट छाया हुआ है। शहर का कचरा एवं मल मूत्र नालों से होकर नर्मदा में मिल रहा है। अवैध रेत खनन से नर्मदा को छलनी किया जा रहा है। नर्मदा की सहायक नदियाँ सुखती जा रही हैं और प्रस्तावित चुटका परमाणु परियोजना तो नर्मदा को जहरीला बना देगी। इन तमाम समस्याओं को लेकर समाजवादी जन परिषद के गोपाल राठी, पिपरिया होशंगाबाद एवं सामाजिक कार्यकर्ता गजानंद यादव, देवास ने चुटका से नर्मदा चेतना यात्रा शुरू की है। दोनों यात्रियों का ग्राम वासियों ने चुटका पहुंचने पर तिलक एवं माला से स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दादु लाल कुङापे ने कहा कि नर्मदा घाटी के लिए चुटका परियोजना अभिशाप साबित होगी। चुटका के सरपंच ने दोनों यात्रियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण एवं अहिंसक आंदोलन के समर्थन में यात्रा संगठन को विस्तार देगी।चुटका महिला मोर्चा की अध्यक्ष मीरा बाई मरावी ने बरगी विस्थापन की त्रासदी को रखते हुए कहा कि हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।सरकार एकतरफा निर्णय लेकर हमें संघर्ष के लिए बाध्य कर रही है।
बरगी मत्स्य संघ के अध्यक्ष मुन्ना बर्मन ने कहा कि इस परियोजना से नदी की जैव विविधता एवं मत्स्य जीव पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और मछुआरों की आजीविका संकट में आ जाएगी। नर्मदा चेतना यात्री गोपाल राठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे अपनी यात्रा के पड़ाव में चुटका परियोजना के दुष्प्रभाव को लेकर नर्मदा प्रेमियो से संवाद स्थापित करेंगे। वे अपनी नर्मदा परिक्रमा यहीं समाप्त करेंगे।
कार्यक्रम के बाद यात्रा को दादु लाल कूड़ापे ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। कार्यक्रम में नारायणगंज जयस प्रभारी काशीराम बरकङे,मुन्ना यादव,अच्छे लाल, हल्के राम, सोनाबाई आदि की गरिमामय उपस्थिती रही। कार्यक्रम का संचालन बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के संयोजक राज कुमार सिन्हा ने किया।
चुटका परमाणु परियोजना के विरोध में निकाली जा रही नर्मदा चेतना यात्रा
Last Updated: March 16, 2021 " 08:14 pm"
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