इंदौर : रेमडेसीवीर की चोरी और कालाबाजारी के पिछले एक माह में सैकड़ों प्रकरण सामने आए हैं। पुलिस के हाथ कई असली रेमडेसीवीर और अन्य जीवनरक्षक दवाएं हाथ लगी हैं। थानों में पड़े- पड़े यह दवाएं खराब हो रही है।
इसी को लेकर एडव्होकेट आशुतोष शर्मा के माध्यम से पत्रकार लखन शर्मा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी।
पुलिस थानों में खराब हो रहे इंजेक्शन।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने बताया कि रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी और चोरी तो हो रही है पर कालाबाजारियों से जब्त हो रहै यह कीमती इंजेक्शन कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों के उपयोग में आने की बजाए पुलिस की अभिरक्षा में रखे- रखे खराब हो रहे हैं।
हमने न्यायालय के समक्ष ये बिंदु प्रस्तुत किये हैं कि जब निजी हॉस्पिटल में मरीजों को सरकार उनकी मांग अनुसार रेमडेसीवीर injection उपलब्ध नहीं करा पा रही है, तो प्रशासन इन जीवन रक्षक दवाइयों को अपने सुपुर्द लेकर उचित तरीके से कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल करें। जितने भी डोज प्राप्त होंगे उनसे गंभीर मरीजों का जीवन बचाया जा सकता है।
जनहित में हो जब्त रेमडेसीवीर का उपयोग।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका मे इंदौर और प्रदेश भर मे जब्त हुए रेमडेसीवीर की जानकारी भी दी थी। उक्त विषय को उचित समझते हुए हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस बिंदु पर राज्य शासन को जब्त रेमडेसीवीर को जन हित मे उपयोग करने के लिए आदेशित किया है। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान याचिका मे याचिका कर्ता को सम्मिलित होकर अपना पक्ष रखने की भी अनुमति दी है।
याचिकाकर्ता लखन शर्मा, मुख्य याचिका में भी हाईकोर्ट की अनुमति के बाद इंटरविनर बने हैं। जिसकी सुनवाई 19/5/21 को होना है।