ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी की बैठक में रखी गई मांग।
इंदौर : जीएसटी के तहत करदाताओं को आ रही परेशानियों और इसके निराकरण के लिए मध्य प्रदेश स्तर पर बनाई गई समिति ( ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी) की तृतीय मीटिंग इंदौर में आयोजित की गई। मीटिंग सीजीएसटी चीफ कमिश्नर नवनीत गोयल, स्टेट जीएसटी कमिश्नर लोकेश जाटव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस मीटिंग में टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर का प्रतिनिधित्व करते हुए एसोसिएशन के सीजीएसटी सचिव सी ए कृष्ण गर्ग ने समिति के समक्ष करदाताओं की निम्न समस्याओं को सामने रखा :-
1.आरंभ में कुछ करदाताओं द्वारा समय पर रिटर्न फाइल नही करने के कारण धारा 16(4) के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट मान्य नहीं करके नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जीएसटी के शुरू के सालों में इस गलती को मान्य किया जाए।
- जीएसटीआर 1 को देर से भरने पर पेनल्टी चूंकि पोर्टल पर दर्शित नही होती और उसको भरने की सुविधा नहीं है,अतः करदाता द्वारा पेनल्टी नही भरी गई। अब विभाग द्वारा पिछले 5 साल की पेनल्टी भरने को कहा जा रहा है, जो गलत है। पोर्टल पर भुगतान सुविधा उपलब्ध नहीं होने तक इस पेनल्टी से छूट दी जाए।
- सरकार द्वारा पुराने रजिस्ट्रेशन को बहाल करने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम जारी की गई है। इसे नाम तो एमनेस्टी दिया गया है परंतु व्यापारी को पुराने समय का टैक्स ब्याज सहित और रिटर्न की पेनल्टी भरने को भी कहा जा रहा है जो उचित नही है।
- वार्षिक विवरण के तहत जीएसटीआर 9 एवं 9C दोनो दाखिल करने होते हैं। पहले 9C फॉर्म एक सीए से ऑडिट कराना पड़ता था। अब यह आवश्यकता हटा ली गई है। अतः दोनो रिटर्न अलग से फाइल करने की बजाय दोनो को एक ही रिटर्न में मिला देना चाहिए।
- जीएसटी के तहत काटे गए टीडीएस व टीसीएस की क्रेडिट अलग से क्लेम करने की बजाय कैश लेजर में सीधे जमा कर देना चाहिए।
- जीएसटीआर 3B में रिवर्स चार्ज पेमेंट के लिए रेट वाइस जानकारी देने की व्यवस्था की जाए।
- जीएसटी के शुरू के वर्षों में रिवर्स चार्ज का भुगतान नहीं करने पर यदि करदाता को उसकी क्रेडिट लेने की पात्रता हो तो उसके लिए छूट प्रदान की जाए। वर्तमान में टैक्स की राशि ब्याज व पेनल्टी सहित भरने के नोटिस भेजे जा रहे है।
- ट्रिब्यूनल की स्थापना के पूर्व यदि कोई कर की मांग शेष हो और करदाता उसकी अपील करना चाहता है तो रिकवरी की कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
- एडवांस रूलिंग और प्रथम अपील के लिए स्वतंत्र अधिकारी को नियुक्त करना चाहिए।वर्तमान में विभाग के व्यापारियों को ही यह जिम्मेदारी दी गई है जो उचित नही है।
करदाता की उपरोक्त परेशानियों को समाधान के लिए काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा।