ज्ञान के साथ सेवा का भाव उसे अलंकृत बना देता है..

  
Last Updated:  December 30, 2023 " 01:50 pm"

सेवा के क्षेत्र में भी इंदौर अग्रणी – शंकराचार्य

56वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में महापौर व शहर के विकास में सहयोगी बंधुओं का सम्मान।

इंदौर : सेवा के कई स्वरूप होते हैं। बीज तभी अंकुरित होगा, जब उसका छिलका हटा दिया जाए। माया का आवरण हटाए बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है। ज्ञान के साथ सेवा का भाव उस ज्ञान को और अधिक सुशोभित व अलंकृत बना देता है। इंदौर वैसे भी छठी बार सफाई में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाला पहला शहर बन गया है। अब सेवा के क्षेत्र में भी इंदौर अग्रणी बनने जा रहा है। सेवाभावी लोगों से ही इस शहर की पहचान और ख्याति दिनोंदिन सारे देश और दुनियाभर में फैल रही है, यह प्रसन्नता की बात है। यह भावना निरंतर बनीं रहना चाहिए।

जगदगुरू शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के सान्निध्य में शुक्रवार शाम बिजासन रोड स्थित प्राचीन अखंडधाम आश्रम पर चल रहे 56वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन की धर्मसभा में शहर के दस प्रमुख सेवाभावी बंधुओं के सम्मान समारोह में अतिथि संतों ने उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, अखंड धाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, काशी के मानस मर्मज्ञ पं. रामेश्वर त्रिपाठी, भानपुरा पीठ के संत स्वामी वरुणानंद, डाकोर के वेदांताचार्य स्वामी देवकीनंदन दास, वृंदावन के भागवताचार्य स्वामी कृष्ण केशवाचार्य, इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास, चिन्मय मिशन इंदौर के प्रमुख स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, रतलाम से आए महामंडलेश्वर स्वामी देवस्वरूप सहित अनेक संत, विद्वतजनों की मौजूदगी में शहर के विकास में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सेवाभावी बंधुओं, उद्योगपति गौरव मेहता एवं किशनसिंह चौहान, अधिवक्ता सुनील चौधरी एवं हेमेन्द्र पाठक, डॉ. जितेन्द्र सांखला, डॉ. हरिनारायण विजयवर्गीय एवं डॉ. अश्विनी वर्मा, प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, पत्रकार सुदेश तिवारी, समाजसेवी महेन्द्र विजयवर्गीय को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुख्य आतिथ्य एवं एमआयसी सदस्य निरंजनसिंह चौहान गुड्डू के विशेष आतिथ्य में सम्मानित किया गया। इसके पूर्व महापौर ने जगदगुरू शंकराचार्य का शहर के नागरिकों की ओर से गरिमापूर्ण अभिनंदन किया।

511 वर्षों के संघर्ष के बाद आएगा रामराज्य।

महापौर भार्गव ने कहा कि यहां सम्मानित बंधुओं ने निस्वार्थ भाव से सेवा कर शहर को आगे बढ़ाने में योगदान किया है। संतों के संघर्ष का परिणाम है कि अब अयोध्या में रामलला विराजमान हो रहे हैं। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि कलियुग में रामलला की स्थापना होते हुए देखेंगे। अब देश में रामराज्य आ गया है। तब रामजी 14 वर्ष बाद अयोध्या आए थे, लेकिन अब 511 वर्षों के संघर्ष के बाद रामराज्य आएगा। शहर में श्रेष्ठ सेवा कार्य करने वाले बंधुओं को सम्मानित करने में हमेशा प्रसन्नता महसूस होती है। जब तक हम अच्छे कार्य करने वालों को सम्मानित करते रहेंगे, शहर की श्रेष्ठ परंपराएं भी आगे बढ़ती रहेंगी।

प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से अखंड धाम के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. चेतन स्वरूप, संयोजक किशोर गोयल, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, महासचिव सचिन सांखला, सचिव भावेश दवे, स्वामी राजानंद, ओमप्रकाश सांखला, मोहनलाल सोनी, राजेन्द्र गुप्ता, किरण ओझा, हंसा अग्रवाल, दीपक चाचर, ठा.विजयसिंह परिहार, राजेन्द्र गर्ग, राजेन्द्र सोनी आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संचालन भावेश दवे ने किया और आभार सचिन सांखला ने माना।

यातायात में सहयोगी बंधुओं का होगा सम्मान।

आयोजन समिति के संयोजक किशोर गोयल एवं अध्यक्ष हरि अग्रवाल ने बताया कि अखंडधाम आश्रम पर चल रहे 56वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में शनिवार, 30 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे से भजन-सत्संग के बाद जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के सान्निध्य में डाकोर से आए वेदांताचार्य स्वामी देवकीनंदन दास रामायणी, वृंदावन से आए महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, सारंगपुर से आई साध्वी अर्चना दुबे, स्वामी राजानंद एवं भानपुरा पीठ के स्वामी वरूणानंद, हरिद्वार से आए स्वामी महेशानंद, उज्जैन से आए स्वामी रामकृष्णाचार्य, रतलाम से आए स्वामी देवस्वरूप आदि के प्रचन होंगे।

शनिवार को धर्मसभा के पूर्व दोपहर 3 बजे यातायात में सहयोग देने वाले बंधुओं का सम्मान किया जाएगा और भक्तों को यातायात नियमों के पालन की शपथ भी दिलाई जाएगी।

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