इंदौर : दो वर्ष के अंतराल के बाद अनंत चतुर्दशी पर झिलमिलाती झांकियों का कारवां शुक्रवार को इंदौर की सड़कों पर फिर नजर आया। 6 कपड़ा मिलों के साथ खजराना गणेश, नगर निगम, आईडीए और अन्य सामाजिक संगठनों की मिलाकर लगभग 29 झांकियों की मनोहारी छटा को निहारने लाखों लोग जुलूस मार्ग पर उमड़ पड़े।
उमंग, उल्लास और उत्साह भरे माहौल में निकली नयनाभिराम झांकियों को देखने के साथ लोग उनकी लुभावनी छटा को मोबाइल में कैद भी कर रहे थे। अखाड़ों के कलाकार पारंपरिक शस्त्र कला का प्रदर्शन करते चल रहे थे। ढोल – ताशे, बैंड और डीजे की धुन पर थिरकते युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।
दरअसल, शहर की बंद हो चुकी कपड़ा मिलों के मजदूरों के जुनून, जोश और जज्बे की बदैलत अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाला इंदौर का गणेश विसर्जन चल समारोह आज भी देश और प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। बीते दो वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते यह चल समारोह नहीं निकल सका था पर इस बार पूरे लवाजमे के साथ चलित झांकियों का ये लुभावना कारवां अपनी उसी शानो शौकत के साथ निकला जिसके लिए ये जाना जाता है।
खजराना गणेश की झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र।
चल समारोह में सबसे आगे खजराना गणेश की झांकियां अलौकिक छटा बिखेर रही थीं। चिमनबाग चौराहे पर शुक्रवार शाम कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने भगवान गणेश का पूजन और आरती कर खजराना गणेश की तीन झांकियों को रवाना किया।
पहली झांकी में कार्तिकेय पृथ्वी की और गणेशजी शिव – पार्वती की परिक्रमा करते नजर आए। दूसरी झांकी में गणपति को भगवान महाकाल का अभिषेक करते दर्शाया गया। इस झांकी के मां हरसिद्धि के भी दर्शन होते हैं।
‘लड्डू मोदक खाओ, पेड़ पौधे लगाओ’ की थीम पर
खजराना गणेश की तीसरी झांकी बेहद खूबसूरत और दर्शनीय बन पड़ी थी। धार्मिक प्रसंग के साथ इस झांकी में पर्यावरण और पशु पक्षियों के सरंक्षण का भी संदेश दिया गया था। इस झांकी की थीम ‘लड्डू – मोदक खाओ, पेड़ – पौधे लगाओ’ पर रखी गई थी। झांकी में विशाल मोदक स्थापित करने के साथ चार मूषक भगवान गणेश की आरती करते नजर आ रहे थे। भगवान श्री गणेश भी तीन और घूमते और अपनी सूंड हिलाते दिखाई दे रहे थे। झांकी के दूसरे हिस्से में पेड़ – पौधों के साथ पर्यावरण संरक्षण का अलख जगाती तख्तियां भी नजर आ रही थी।
खजराना गणेश मंदिर के पीछे आईडीए की तीन झांकियां चल रहीं थीं, इनमें आईडीए के विकास कार्यों की बानगी देने के साथ सुरसा के मुंह से हनुमानजी को निकलते दिखाया गया। आईडीए के बाद नगर – निगम और बाद में विभिन्न मिलों की झांकियां क्रमबद्ध होकर निकाली गई।
मंचों से किया अखाड़ों का स्वागत।
झांकियों के साथ चल रहे अखाड़ों के कलाकारों ने हर मंच के सामने अपनी शस्त्रकला का मनोहारी नजारा पेश किया। मंचों से इन अखाड़ों के उस्ताद और कलाकारों का स्वागत भी किया गया।
सारी रात चला चल समारोह।
शुक्रवार शाम शुरू हुआ अलौकिक झांकियों का ये कारवां चिमनबाग से जेलरोड, एमजी रोड, कृष्णपुरा छत्री, नंदलालपुरा सब्जी मंडी, जवाहर मार्ग, नृसिंह बाजार, गोराकुंड, खजुरी बाजार, राजवाड़ा, कृष्णपुरा पुल से शिवाजी मार्केट रोड होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंची। रातभर इन जगमगाती झांकियों की लुभावनी छटा निहारने के लिए इंदौर के लोगों ने रतजगा किया और मिल मजदूरों और झांकी कलाकारों के जज्बे की सराहना की।