रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय खिलाड़ियों के लिए पदक के लाले पड गये थे, सिर्फ साक्षी मलिक ने कुश्ती में अकेला कांस्य पदक जीता था तो, सारे भारतीयों की निगाहें 19अगस्त 2016 को आखिरी दिन पूर्सला वैंकट सिंधु के फाइनल की ओर थी कि एक अकेला स्वर्ण मिलेगा या रजत, हर जगह बस एक ही चर्चा थी।
बैडमिंटन की सिंधु
21वर्षीय सिंधु ने टाँप सीड स्पेन की करोलिना मारिन से पहला गेम 16-19 से पीछे रहने के बाद 21-19 से जीत भी लिया लेकिन रियो(ब्राजील)के रियोसेंट्रो पेवेलियन-4 में अगले दोनों गेम स्पेनिश करोलिना ने 21-12, 21-15 से जीत कर नया इतिहास रचा। वे महिला एकल बैडमिंटन का स्वर्ण जीतने वाली पहली योरोपीय खिलाड़ी बनी।
सिंधु ने फाइनल हार कर भी इतिहास बना डाला, वे ओलंपिक में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। सिंधु का एक रजत ही स्वर्ण मिलने जैसा था। 1घंटे 25 मिनट के महिला एकल फाइनल ने देशवासियों के रोंगटे खडे कर दिये
नवें क्रम की सिंधु ने सेमीफाइनल में छठवें क्रम की जापान की नोझोमि ओकुहारा को 51मिनट के रोमांचक मुकाबले में 21-19,21-10 से हराया, सिंधु की नोझोमि पर यह लगातार तीसरी हार के बार जीत थी।
ताई त्झी यिंग को प्रि क्वार्टर में ही हराया।
सिंधु ने आठवें क्रम की चीनी ताईपेई की ताई त्झु यिंग को प्रि क्वार्टर फाइनल में 21-13, 21-15 से 41मिनट मे ही हरा दिया जो इस बार टोक्यो में स्वर्ण की सबसे सशक्त दावेदार है। नोझोमि ओकुहारा भी आयोजक जापान की ही होकर स्वर्ण की ही सिंधु के साथ ही एक और दावेदार है।
सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में कनाडा की मिचेले ली को 21-18,21-17 से 1घंटे 16 मिनट में हराया, वे प्रारंभिक दौर में हंगरी की लौरा सरोसि से 21-8,21-9 से 29 मिनट में जीती।
सिंधु का इस ऐतिहासिक सफलता से गद-गद होना लाजिमी था।
26वर्षीय पी.वी.सिंधु कहती है “तब किसी ने नही सोचा था कि मैं पदक जीत सकती हूँ, इस बार टोक्यो में सबकी निगाहें मेरे पदक जीतने पर ही है। मेरा सेमीफाइनल दूसरे क्रम की ताईपेई की ताई त्झी यिंग से ही संभावित है।
लंदन 2012में साइना नेहवाल के कांस्य और रियो 2016 में सिंधु के रजत ने ओलंपिक में बैडमिंटन से भारत को लगातार दो पदक मिल गए। अब टोक्यो में पदकों की तिकडी याने तीसरे पदक का इंतजार है।
धर्मेश यशलहा
वरिष्ठ पत्रकार