तिरुपति बालाजी देवस्थान से आए दल ने देखा इंदौर का स्वच्छता मॉडल।
कबीट खेड़ी स्थित एसटीपी प्लांट एवं आईसीसीसी का किया अवलोकन।
इंदौर : स्वच्छता में छह बार नंबर वन इंदौर शहर की स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट देखने के लिए देश के विभिन्न प्रदेश/शहर के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी आ रहे हैं। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध देवस्थान तिरुपति बालाजी निगम परिषद के उपायुक्त चंद्रमौलिश्वर रेड्डी, एमएचओ डॉ. हरिकृष्ण, पर्यावरण इंजीनियर विजयकुमार रेड्डी, स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं 80 से अधिक अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का दल इंदौर आया है। इस दल ने सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के तहत कबीट खेड़ी स्थित एसटीपी प्लांट, सलज प्लांट एवं सिटी बस ऑफिस स्थित आईसीसीसी का अवलोकन किया। इस अवसर पर पर सहायक यंत्री सौरभ माहेश्वरी व अन्य उपस्थित थे।
बता दें कि तिरुपति बालाजी निगम परिषद के सदस्यों द्वारा 24 जून को इंदौर के स्वच्छता मॉडल के तहत डोर टू डोर कचरा संग्रहण कार्य, गार्बेज ट्रांसफर कचरा स्टेशन और देवगुराडिया स्थित विभिन्न प्लांट का अवलोकन किया जाएगा।
तिरुपति बालाजी निगम परिषद के दल ने सिटी बस ऑफिस में निगम आयुक्त हर्षिका सिंह से सौजन्य भेंट भी की।
इस अवसर पर निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से इंदौर के स्वच्छता अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से पूर्व में इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटिया हुआ करती थी। कचरा पेटी के आस-पास कचरे के ढेर लगे होते थे। बाद में स्वच्छता अभियान के तहत इंदौर को कचरा पेटी से मुक्त करते हुए, शहर के चिंहित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए गए, जिनका जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग किया गया। बाद में इसे सभी वार्डों में लागू किया गया।सभी कचरा संग्रहण वाहन अपने निर्धारित रूट व समय पर अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। निगमायुक्त ने बताया कि पहले गीला-सुखा कचरा संग्रहित किया जाता था, अब हर दिन 6 बिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा संग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों से संग्रहित कचरे को गारबेज कचरा ट्रांसर्फर स्टेशन तक किस प्रकार से पहुंचाया जा रहा है, इस सेग्रिगेट कचरे को किस प्रकार से ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर डीसेंट्रलाइज कर मटेरियल रिकवरी प्लांट, ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने ट्रेंचिग ग्राउण्ड में निर्माणाधीन बायागैस प्लांट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह एशिया का सबसे बडा बायो गैस सीएनजी प्लांट है, जहां पर गीले कचरे से बायो गैस का निर्माण कर उसे लोक परिवहन में उपयोग किया जा रहा है।
दल के सदस्य शनिवार को भी इंदौर में विभिन्न स्थानों पर सफाई व्यवस्था का अवलोकन करेंगे।