नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ की गई दरिंदगी से देश में गुस्सा है। युवती की मौत पर दु:ख जताया जा रहा है. लेकिन इसके बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ रहा है। मंगलवार की देर रात जब युवती के शव को हाथरस ले जाया गया, तो तमाम विरोध के बाद भी पुलिस ने जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जब हाथरस की निर्भया की चिता जल रही थी. तब पुलिस के कई अधिकारी साइड में खड़े होकर बातें कर रहे थे और हंसी- मजाक कर रहे थे। ये दिखाता है कि यूपी पुलिस इस मामले को लेकर कितनी असंवेदनशाल रही। एक ओर हाथरस की निर्भया का परिवार बिलख रहा था और इंसाफ की भीख मांग रहा था, तो दूसरी ओर प्रदेश की पुलिस लापरवाह रवैया अपनाए हुए थी। गैंगरेप का शिकार हुई दलित युवती की मौत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई थी।देर रात को पुलिस की सुरक्षा के बीच युवती के शव को हाथरस के गांव ले जाया गया। जब पुलिस पहुंची तो आधी रात को भी बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थी। इस दौरान पुलिस का भारी विरोध किया गया। युवती के परिजनों और गांव वालों ने पुलिस से शव उन्हें सौंपने की मांग की लेकिन पुलिस ने परिजनों की एक ना सुनी और किसी को भी युवती के शव के पास नहीं आने दिया। खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, यूपी पुलिस ने किसी मीडियाकर्मी को भी पास नहीं आने दिया।
बता दें कि युवती के परिवारवालों की ओर से आरोप लगाया गया है कि पहले पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज नहीं किया। उसके बाद गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी गई। जब मीडिया में इस मामले को लेकर बवाल शुरू हुआ, तब यूपी पुलिस हरकत में आई। अब पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर लखनऊ, हाथरस से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन किया।
दरिन्दगी की शिकार हाथरस की निर्भया का पुलिस ने कर दिया अंतिम संस्कार, परिजनों को नहीं सौंपा शव..?
Last Updated: September 30, 2020 " 04:05 pm"
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