शंकराचार्य सहित 50 से अधिक संत आएंगे।
जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास के गोविंददेव गिरि भी शामिल होंगे।
इंदौर : मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर 65 वे अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का आयोजन 2 से 8 दिसंबर 2022 तक पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य में किया जा रहा है।
इस सात दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार 2 दिसंबर को दोपहर 1 बजे अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में शंख-ध्वनि एवं वैदिक मंगलाचरण के साथ होगा। देश के जाने-माने 50 से अधिक आचार्य, संत, महामंडलेश्वर एवं विद्वतजन प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5.30 बजे तक महोत्सव के दौरान अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा करेंगे। विष्णु महायज्ञ का आयोजन भी प्रतिदिन सुबह 8 से 12 एवं दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होगा। गीता जयंती का प्रमुख पर्व मोक्षदा एकादशी रविवार 4 दिसम्बर को मनाया जाएगा। महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी है।
ये संत – महात्मा करेंगे शिरकत।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी एवं संरक्षक ट्रस्टी गोपालदास मित्तल ने बताया कि महोत्सव में जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास अयोध्या के राष्ट्र संत आचार्य स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज, जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत), जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज (अशर्फी भवन, अयोध्या), महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज शकरगढ़ (राज.), महामंडलेस्वर स्वामी विवेकानंद महाराज (हरिद्वार), वृंदावन के युवा कथा रसिक पुंडरिक गोस्वामी, जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजयशंकर मेहता (उज्जैन), युवा वैष्णवाचार्य द्वितीय पीठ युवराज गोस्वामी वागधीश बाबाश्री (विट्ठलनाथ मंदिर नाथद्वारा-उदयपुर), गोस्वामी दिव्येश कुमार महाराज (गोवर्धन नाथ मंदिर नाथद्वारा-इंदौर), गोधरा (गुजरात) की भगवती स्वरूपा परमानंदा सरस्वती, डाकोर से स्वामी देवकीनंददास, उज्जैन से स्वामी वीतरागानंद, हरिद्वार से स्वामी सर्वश चैतन्य, जोधपुर से संत हरिराम शास्त्री रामस्नेही, उदयपुर से संत माणकराम रामस्नेही, नेमिषारण्य से स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, हरिद्वार से स्वामी दिव्यानंद, हरिद्वार से ही स्वामी प्रकाश मुनि, गोपाल मुनि तथा स्वामी श्रवण मुनि, उज्जैन से स्वामी आसंगानंद, अजमेर से साध्वी अनादि सरस्वती, पानीपत से साध्वी ब्रह्मज्योति सरस्वती, गोंडा (उ.प्र.) से पं. प्रहलाद मिश्र रामायणी, भदौही से पं. पीयूष महाराज रामायणी एवं पं. सुरेश शरण, ऋषिकेश से पं. शंकर चैतन्य महाराज, वाराणसी से पं. रामेश्वर त्रिपाठी,आगरा से राष्ट्रसंत हरियोगी सहित 50 से अधिक संत एवं विद्वान इस महोत्सव में प्रतिदिन सत्संग सत्र में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।
शहर के प्रमुख धर्मस्थलों के संतों में श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि, अखंड धाम आश्रम बिजासन रोड के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, सनातन आर्श विद्या प्रतिष्ठान के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, वेदांत आश्रम इंदौर के स्वामी आत्मानंद सरस्वती, रामकृष्ण मिशन के स्वामी निर्विकारानंद महाराज, रामद्वारा गोराकुंड के संत अमृतराम रामस्नेही भी महोत्सव में शामिल होंगे। सभी संतों की गरिमापूर्ण अगवानी, आवास एवं भोजन इत्यादि के समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। बाहर से आने वाले संतों एवं भक्तों के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल इंदौर के सहयोग से की जा रही है। गीता जयंती महोत्सव के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ का आयोजन भी आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में प्रतिदिन प्रातः 8 से 12 एवं दोप. 3 से 6 बजे तक होगा। न्यासी मंडल के सोमनाथ कोहली, महेशचंद्र शास्त्री, प्रेमचंद गोयल, दिनेश चंद्र मित्तल, विनोद अग्रवाल, टीकमचंद गर्ग, हरीश माहेश्वरी, पवन सिंघानिया एवं राजेश गर्ग केटी ने मालवांचल के भक्तों से इस दिव्य आयोजन का पुण्य लाभ उठाने की अपील की है।